उच्च शिक्षा विभाग का कारनामा.. नियुक्ति, पदोन्नति एवं स्थानांतरण में किया जा रहा भ्रष्टाचार – पेशीराम जायसवाल

उच्च शिक्षा विभाग ने जिसको पहले कुलसचिव के पद नियुक्ति के लिए अपात्र बताया, उसको ही कुलसचिव के पद पर दी गई नियुक्ति

माननीय प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि को प्रेषित की गई शिकायत

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति और पदस्थापना, स्थानांतरण में हुए खेल एवं भ्रष्टाचार से सरकार की किरकिरी हुई। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा मंत्री के संरक्षण में उच्च शिक्षा विभाग में नियुक्ति, पदोन्नति एवं स्थानांतरण आदि में खुलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। ताजा मामला यह है कि छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा वर्ष 2022 में अभ्यर्थी डॉक्टर शैलेंद्र कुमार पटेल को कुलसचिव के पद पर नियुक्ति के लिए वांछित अर्हता, योग्यता एवं अनुभव नहीं रखने के कारण आयोग्य पाया था। परंतु आदेश दिनांक 10.04.2023 द्वारा कुलसचिव पद पर नियुक्ति देते हुए आदेश दिनांक 31.08.2023 द्वारा कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा संचालनालय में पदस्थ करते हुए उपकृत किया गया है।

यह भी जानकारी मिली है कि अभ्यर्थी डॉ. शैलेंद्र कुमार पटेल वर्तमान में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर में उप कुलसचिव के पद पर पदस्थ हैं। तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर केसरी लाल वर्मा ने उन्हें अधिकार एवं शक्ति नहीं होने के बाद भी कुलसचिव के पद का प्रभार दे दिया, जबकि कुलसचिव के पद पर नियुक्ति देने का अधिकार केवल राज्य शासन को है। इसके बाद भी उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री श्री उमेश पटेल के संरक्षण के कारण डॉ. शैलेंद्र कुमार पटेल को कुलसचिव के प्रभार से नहीं हटाया गया और किसी अन्य अधिकारी को कुलसचिव के पद पर शासन द्वारा नियुक्त नहीं किया गया। पता चला है कि वर्ष 2016 में उनकी उप कुलसचिव के पद पर नियुक्ति हुई थी, परंतु वह छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2014 में जारी विज्ञापन के अनुसार निर्धारित न्यूनतम अर्हता, योग्यता एवं अनुभव नहीं रखते हैं। इस संबंध में शिकायत होने पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जांच की गई और जांच में शिकायत के तथ्यों को सही पाया गया। इसके बाद भी उनके विरुद्ध नियमानुसार बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल का उन्हें विशेष संरक्षण प्राप्त है।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन वर्ष 2020 के अनुसार कुलसचिव के पद पर विज्ञापित न्यूनतम अर्हता, योग्यता एवं अनुभव नहीं रखने के कारण छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उन्हें कुलसचिव के पद पर नियुक्ति के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। परंतु उच्च शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 10.04.2023 में उन्हें कुलसचिव के पद पर नियुक्ति दे दी गई, परंतु उनकी पदस्थापना नहीं की गई थी। उच्च शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 31.08.2023 अनुसार उन्हें कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा संचालनालय में पदस्थ किया गया है। जानकारी प्राप्त हुई है कि उनके द्वारा विश्वविद्यालय में ही पदस्थापना करने के लिए सचिव छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है।

इन सब के बीच कुलसचिव के पद पर विज्ञापित न्यूनतम अर्हता, योग्यता एवं अनुभव नहीं रखने के कारण अपात्र होने के बाद भी कुलसचिव के पद पर नियुक्ति एवं पदस्थापना दिए जाने, उप कुलसचिव के पद पर नियुक्ति के लिए निर्धारित न्यूनतम अर्हता, योग्यता एवं अनुभव नहीं रखने के संबंध में प्राप्त शिकायत एवं जांच में सिद्ध होने के बाद भी नियमानुसार बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं करने एवं छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल द्वारा संरक्षण देते हुए नियुक्ति, पदोन्नति एवं स्थानांतरण आदि में भ्रष्टाचार करने की शिकायत भारतीय जनता पार्टी, सूचना का अधिकार का प्रकोष्ठ, के प्रदेश संयोजक डॉ विजयशंकर मिश्रा के निर्देशन में प्रदेश कार्यालय सह प्रभारी बिलासपुर निवासी श्री पेशीराम डड़सेना (जायसवाल) द्वारा माननीय प्रधानमंत्री, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव को भी प्रेषित किया गया है।

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