कोयला कामगारों को एक जुलाई से मिलेगा नया वेतनमान
11 वां वेतन समझौता लागू होने से कामगारों व अफसरों के बीच वेतन विवाद का टकराव
कोरबा 27 जून। कोल इंडिया के कर्मचारियों का 11 वां वेतन समझौता लागू हो चुका है। ई. वन से ई. फाइव ग्रेड तक कोल अफसरों के वेतन से वरिष्ठ कर्मचारियों का वेतन अधिक हो जाएगा। इसी बहाने अब अफसर भी अपना वेतन वृद्धि करा लेना चाहते हैं। इसे लेकर अब अफसरों के दो संगठन कोल माइंस आफिसर्स एसोसिएशन सीएमएआइ व आल इंडिया एसोसिएशन आफ कोल एक्जीक्यूटिव एआइएसीई ने मोर्चा खोल दिया है।
कोयला कामगारों का 11 वां वेतनमान एक जुलाई 2021 से लंबित था। कोल इंडिया पांच प्रतिशत से ज्यादा मिनिमम गारंटी बेनीफिट एमजीबी देने के पक्ष में नहीं थी। श्रमिक संगठन 18 माह तक जिद पर अड़े रहे और अंतत 19 प्रतिशत एमजीबी पर कोयला मंत्रालय को सहमत होना पड़ा। डिपार्टमेंट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेज डीपीई के गाइड लाइन भी आड़े आ रहा था, पर कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने किसी तरह इसका रास्ता भी निकाल लिया और अब एक जुलाई 2023 से नया वेतनमान कोयला कामगारों को मिलने जा रहा। इसके साथ ही कोयला अफसरों ने अब नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि कई ऐसे वरिष्ठ कर्मचारी हैं, जिनका वेतन अब अधिकारियों से भी अधिक हो जाएगा। इसकी वजह से कोल अफसरों में असंतोष देखा जा रहा है। उन्हें उम्मीद थी कि से पहले उनका पे.स्केल अपग्रेड कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आल इंडिया एसोसियेशन आफ कोल एक्जीक्यूटिव ;एआइएसीईद्ध के संयोजक पीके सिंह राठौर ने कोल इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा है कि 11 वां वेतन समझौता लागू होने से कामगारों व अफसरों के बीच वेतन विवाद का टकराव और बढ़ जाएगा। उन्होंने मांग की है कि कार्यकारी अधिकारियों को व्यक्तिगत वेतन पैकेज के माध्यम से वेतन संरक्षण की अनुमति दिया जाना चाहिए, ताकि उनका वेतन श्रमिकों के वेतन से कम न हो। राठौर ने कहा कि अगर उनकी मांगें 30 सितंबर तक नहीं मानी गई, तो कार्यकारी अधिकारी को हड़ताल समेत आंदोलन का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
उधर सीएमएआइ ने भी इस मामले को लेकर रविवार को बैठक कर चिंतन मंथन किया। अध्यक्ष डीएन सिंह ने बताया कि सीआइएल चेयरमैन और कोयला सचिव को नोटिस दिया जा रहा है। 15 जुलाई तक कोयला मंत्रालय में लंबित पे.स्केल के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया गया, तो सीएमओएआई कानूनी नोटिस देकर चरणबद्ध आंदोलन प्रारंभ करेगा। उन्होंने बताया कि डीपीई की गाइडलाइन को दरकिनार कर एनसीडब्ल्यूए.11 को मंजूरी देने की भत्र्सना की है। कामगारों के नए वेज का विरोध हम नहीं कर रहे, लेकिन कोल इंडिया व कोयला मंत्रालय ने डीपीई के नियम कायदों का उल्लंघन कर निर्णय लिया है।
सीएमओएआइ ने लिए यह प्रमुख निर्णय:- सीआईएल प्रबंधन को नोटिस दिया जाएगा कि पे. स्केल के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव को आगे बढ़ा कर मंजूरी दे, अन्यथा कानूनी नोटिस दिया जाएगा। सभी क्षेत्रों में उच्च अधिकारियों के फेयरवेल कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे। तत्काल प्रभाव से वर्क टू रूल। सीआइएल चेयरमैन के समक्ष ई.मेल के माध्यम से विरोध जताएंगे। सभी 115 क्षेत्रों व शाखाओं में विरोध दर्ज कराते हुए पत्र लिखा जाएगा। लंच टाइम पर आधा घंटा समय निकाल नारे लगाए जाएंगे।