सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के इलाज का खर्च उठाएगी मोदी सरकार..नई योजना लाने की तैयारी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों के मुफ्त इलाज की योजना बना रही है। इसके तहत दुर्घटना में घायल होने पर प्रति व्यक्ति ढाई लाख रुपये तक का सरकार खर्च उठाएगी। इस मुफ्त इलाज की योजना को टोल टैक्स से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। सड़क और परिवहन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार इस योजना के तहत हिट एंड रन का शिकार हुए या थर्ड पार्टी बीमा रहित वाहनों की चपेट में आने से घायल होने वाले लोगों का कैशलेश ट्रीटमेंट किया जाएगा।
इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए इसके लिए अलग से मोटर व्हीकल एक्सीडेंट फंड बनाया जाएगा। इसमें नेशनल हेल्थ अथॉरिटी नो़डल एजेंसी के तौर पर काम करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से हर साल करीब 2000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए मंत्रालय ने मसौदा तैयार कर लिया है। सुझाव और आपत्तियां मंगाई गई हैं।

टोल टैक्स से कमाए 30 हजार करोड़

सरकार को पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में देशभर के कुल 563 टोल प्लाजा पर वसूले जाने वाले टोल टैक्स से 30 हजार करोड़ रुपये की कमाई हुई। सरकार इस कमाई को अगले पांच साल में बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना चाहती है। इस समय उत्तर प्रदेश में 66, महाराष्ट्र में 51, बिहार में 19, आंध्र प्रदेश में 42, कर्नाटक में 41, मध्य प्रदेश में 48 और गुजरात में 40 टोल प्लाजा कार्यरत हैं।

कल से बढ़ेंगी टोल टैक्स दरें

देशभर में 1.40 लाख किलोमीटर लंबे राजमार्ग में से लगभग 25000 किलोटीमटर टोल वसूला जाता है। मंत्रालय की योजना अगले 5 साल में नए टोल मार्गों का निर्माण कर टोल मार्गों की लंबाई 75 हजार किलोमीटर करने की है, जिससे टोल राजस्व में वृद्धि हो सके। इस बीच टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों को एक सितंबर से ज्यादा टोल टैक्स भरना होगा। बढ़ाई गई राशि के तहत निजी और व्यावसायिक वाहनों को निर्धारित की गई अलग-अलग दरों के हिसाब से पांच से दस रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। सड़क और परिवहन मंत्रालय के अनुसार मॉडल कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट के तहत टोल की दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया गया है।

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