ग्रामीण सड़क से पार हुआ गजराजों का झुंड
कोरबा 15 मई। ग्रामीण सडक़ पर आज सुबह काफी देर तक आवाजाही बाधित की गई। ऐसा होने पर यहां से हाथियों के झुंड को दूसरी दिशा के लिए पार कराया गया। इसमें एक शावक सहित 24 हाथी शामिल थे। भले ही हाथियों की रवानगी एक तरफ से हो गई है लेकिन अब उस तरफ चिंता की लकीरें पैदा हो गई हैए जहां जंगली जानवरों ने रूख किया है।
फारेस्ट डिवीजन के कोरबा परिक्षेत्र के अंतर्गत ढेंगुर गांव की मुख्य सडक़ से हाथियों को पार करने का काम सुबह वन कर्मियों और वन सुरक्षा समितियों के सदस्यों के द्वारा कराया गया। इस दौरान क्षेत्र के जागरूक लोगों ने भी सहयोग किया। बताया गया कि कुछ दिन से 24 हाथियों का समूह वन परिक्षेत्र में यहां वहां विचरण कर रहा था। उसकी आवाजाही पर वन विभाग नजर रखे हुए था। ट्रैकिंग सिस्टम से भी उसकी लोकेशन का पता चल रहा था। मालूम चला कि सुबह जंगली जानवर कोरकोमा के नजदीकी गांव में मौजूद हैं और इनकी वजह से दिक्कतें है। सूचना मिलने पर वनकर्मी हरकत में आये। संसाधनों के साथ हाथियों को यहां से बाहर करने के तरीके अपनाए गए। 24 की संख्या में हाथियों के मुख्य सडक़ पार करने का काम चुनौती भरा था। ऐसे में संभावित खतरों को देखते हुए संबंधित क्षेत्र में पर्याप्त दूरी पर दोनों तरफ लोगों की आवाजाही बाधित की ताकि हाथी सडक़ को पार कर सके। लगभग 40 मिनट तक इन कारणों से रास्ते पर आवाजाही थमी रही और लोगों ने हाथियों को सडक़ से पार होते देखा। उनके यहां से चले जाने और इसकी पुष्टि होने पर मार्ग को सामान्य किया गया।
जिले में हाथियों के रहवास और उनके लिए जरूरत की चीजें व्यवस्थित करने के इरादे से सरकार के द्वारा लेमरू हाथी अभ्यारण्य तैयार किया जा रहा है। इसका विस्तार हजारों हेक्टेयर में है। कोरबा से लेकर सरगुजा वनमंडल के उदयपुर की सीमा तक इस पर काम होना है। उद्देश्य है कि जिले में यहां वहां से आने वाले हाथियों के कारण उत्पन्न हो रही समस्या का सुसंगत निराकरण किया जाए।