जल संसाधन अनुविभाग फिंगेश्वर में बिना कार्य कराए फर्जी भुगतान.. भाजपा नेता प्रीतम सिन्हा की शिकायत पर जाँच शुरू
फर्जीवाड़ा करने वाले पांच अधिकारियों और कर्मचारी को बनाया गया है आरोपी
छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर में कि गई है शिकायत
गरियाबंद। जिला गरियाबंद के जल संसाधन संभाग गरियाबंद के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय जल संसाधन फिंगेश्वर वर्ष 2021-22 के वार्षिक मरम्मत कार्य में बिना कार्य के अपने चहेतों फर्मों के नाम पर लाखों रुपये का फर्जी तरीके से बिल बनाकर भ्रष्टाचार, गबन, साजिश, कूट रचना एवं पद का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसकी शिकायत जिला के भाजपा नेता और समाजिक कार्यकर्ता प्रीतम सिन्हा द्वारा सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज के आधार पर 4 जनवरी 2023 को छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक नवा रायपुर से किया गया है। जिसकी पुलिस मुख्यालय में शिकायत विधिवत 24 जनवरी 2023 को आनलाइन दर्ज कर संबंधित थाना क्षेत्र फिंगेश्वर जांच कर कार्यवाही के लिए भेजा गया है ।
दर्ज शिकायत क्रमांक 50000008732300032 दिनांक 24 जनवरी 2023 में आशुतोष सारस्वत तत्कालीन कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग गरियाबंद, रोहित तिवारी वरिष्ठ लेखा लिपिक जल संसाधन संभाग गरियाबंद, होमेश नायक तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन अनुविभाग फिंगेश्वर और कुलेश्वर जोशी उप अभियंता जल संसाधन अनुविभाग फिंगेश्वर को आरोपी बनाने के लिए तीन बिंदुओं पर शिकायत दर्ज किया गया है। शिकायत पत्र में फर्म सिद्धि ट्रेडर्स पिटियाझर महासमुंद के नाम पर माप पुस्तिका क्रमांक 2771 में किसी भी कार्य स्थल का नाम उल्लेख नहीं है और उसका भुगतान कर दिया गया है। इसी प्रकार नहर साफ सफाई, दिवाल पोताई के नाम पर माप पुस्तिका क्रमांक 2776 में भुगतान किया है। जबकि यह फर्म कार्यालय से लगभग 25-30 किमी दूर है। ध्रुव इंटरप्राइजेज बड़ीरबेली मालखरौदा जिला जांजगीर-चांपा के नाम पर माप पुस्तिका क्रमांक 2218 में विद्युत कार्य एवं नहर साफ सफाई के नाम पर भुगतान किया गया है जबकि बिलों पर कार्य स्थल का नाम का उल्लेख नहीं है। यह फर्म कार्यालय से लगभग 300किमी दूर है और सरिता प्रेस महासमुंद के नाम पर माप पुस्तिका क्रमांक 1562और 1883 में स्टेशनरी खर्च बताकर भुगतान आहरण किया गया है।
शिकायत में तीनों बिंदुओं पर बिल बाउचर को एक बारगी देखने से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मिट्टी ढुलाई भराई, सीमेंट खाली बोरी एवं भराई कार्य, नहर साफ सफाई, मेंड उचाई, विद्युत कार्य दीवाल पोताई, स्टेशनरी खरीदी कार्य, चौखट मरम्मत कार्य के नाम पर बिना कार्य किए फर्मो को लाखों रुपए का भुगतान कर शासन की राशि का भ्रष्टाचार और गबन किया गया है। जबकि यह कार्य वर्षा ऋतु में बताया गया है और फर्मों पर कार्य स्थल का नाम ही नहीं दर्ज किया गया है जो अवैधानिक की श्रेणी में आता है।
मामले में पाँच अधिकारियों और कर्मचारियों का नाम सहित शिकायत दर्ज किया गया है जिसकी जांच के लिए थाना प्रभारी फिंगेश्वर में शिकायतकर्ता का लिखित कथन बयान दर्ज कराया गया है। शिकायतकर्ता प्रीतम सिन्हा ने बताया कि जनहित के मामलों वह भी किसानों से जुड़े मामले में अधिकारियों के द्वारा लगातार कुछ वर्षों से भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसकी शिकायत साक्ष्य दस्तावेजों के साथ उच्च स्तरीय किया गया है।