भगवान के प्रति समर्पण ही असली पिण्डदान: नागेद्र महाराज

कोरबा 25 अप्रैल। सीएसईबी कालोनी कोरबा पूर्व शिव पंडाल में आयोजित श्रीमद् भावगत कथा ज्ञान यज्ञ में भागवत भूषण व्याकरणाचार्य आचार्यश्री काष्र्णि नागेन्द्र महाराज के श्रीमुख से भगवान कृष्ण और राधा की अनुपम लीला का बखान करने के साथ सनातन धर्म की महत्ता को भी बताया जा रहा है। गृहस्थ जीवन में भगवत भक्ति और आदर्श जीवनशैली के प्रति भी श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है।

आचार्यश्री नागेन्द्र महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि सनातन धर्म ही आदर्श जीवन का मूल हैए उन्होंने उदाहरण देते हुए कई भ्रांतियों को दूर किया और कहा कि जब हमारे कर्म अच्छे होंगे तो गंगा के तट पर पिण्डदान करने की आवश्यकता नहीं। लोगों को भ्रांति है कि पिण्डदान करने से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि भगवान के प्रति समर्पण ही असली पिण्डदान है। उन्होंने कि जीवन रहते हुए भगवान के प्रति समर्पण और समाज तथा राष्ट्र के प्रति सकारात्मक सोच से ही सबका कल्याण होगा।

उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि नशा समाज और परिवार को विनष्ट कर देता है और कुल पर कलंक भी लगता है। कई अपराध घटते हैं और नशा का आदी कई कुकृत्य को अंजाम देता है। ऐसे लोगों का गंगा में पिण्डदान करने से भी पाप नष्ट नहीं होता। जो नशा को छोड़कर समाज के बारे में सोचता हैए उससे बड़ी तपस्या भी नहीं। जब सनातन धर्म के अनुरूप हमारी जीवनशैली होगी तभी राष्ट्र और विश्व का कल्याण होगा। उनके द्वारा संगीतमय भागवत कथा में रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु यहां पहुंचकर कथा का पूण्य लाभ ले रहे हैं। 28 अप्रैल तक आचार्यश्री द्वारा संध्या 4.30 बजे से 7.30 बजे तक भगवत कथा का प्रवचन दिया जा रहा है।

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