कोरबा जिले के कोयला खदानों में माफिया राज, SECL अफसरों और पुलिस ने दिया बढ़ावा

कोरबा 13 अप्रेल। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कोरबा जिले में संचालित कुसमुंडा, गेवरा और दीपिका कोयला खदानों में लंबे समय से माफिया राज चल रहा है। गुंडागर्दी के बलबूते और आर्थिक प्रलोभन देकर अपनी इच्छा अनुसार अच्छी क्वालिटी का कोयला लेने और अपनी सुविधानुसार किसी भी समय अपनी गाड़ियों में कोयला का लदान कराने के लिए आए दिन माफियागिरी होती है। एस ई सी एल के अधिकारी कुछ डर से तो कुछ आर्थिक प्रलोभन के चलते माफियाराज को बढ़ावा देते आ रहे हैं। स्थानीय पुलिस की भूमिका भी कोयला माफिया को बढ़ावा देने में कम नहीं रही है।

एसईसीएल की कुसमुंडा, गेवरा और दीपका कोयला खदानों से विभिन्न उद्योगों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। उद्योग संचालको द्वारा कोयले के लदान और परिवहन का कार्य बिचौलियों को दे दिया जाता है। यह बिचौलिए उद्योगों को अच्छा कोयला देने और उनकी सुविधा अनुसार समय पर कोयला उपलब्ध कराने का वादा कर लदान और परिवहन का कार्य अपने हाथ में लेते हैं। यहीं से माफियागिरी की नींव पड़ जाती है। एसईसीएल के अधिकारियों, स्थानीय थानेदार- पुलिस कर्मियों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का गिरोह बनाकर माफियागिरी की जाती है। शुरुआत में सड़क छाप गुंडों की तरह छोटी-छोटी हरकतें करने वाले कोयला दलाल, कोयले की बेहिसाब काली कमाई के चलते, थोड़े ही समय में आर्थिक दृष्टि से इस कदर मजबूत हो जाते हैं कि वह पैसों के बलबूते खुली गुंडागर्दी करने लगते हैं और उनके कार्य पर रोक लगाने में सक्षम लोगों को आतंकित कर और आर्थिक प्रलोभन देकर मूकदर्शक बने रहने के लिए बाध्य कर देते हैं। अपने माफिया राज को कायम रखने के लिए ऐसे तत्व राजनीति और राजनेताओं का भी भरपूर सहयोग लेते हैं। धनबल और बाहुबल के भरोसे राजनीति करने वाले अर्थ पिशाच की श्रेणी में आने वाले कोरबा जिले के कई नेता आर्थिक अपराधों को संरक्षण देने के लिए जाने जाते हैं। कोयला खदानों में सुरक्षा के लिए तैनात सशस्त्र बल भी इन कोयला माफियाओं के आगे आत्मसमर्पण की मुद्रा में प्रतीत होते हैं।

कोयला खदानों में एक बार जिसका सिक्का चल गया, वह वर्षों तक अपना माफियाराज चलाता है। कुसमुंडा कोयला खदान में भी यही स्थिति है। मंगलवार 11 अप्रैल 2023 की रात लगभग 10:00 बजे नीलकंठ कंपनी के ड्राइवर गिरधारीलाल नामदेव को कथित ट्रांसपोर्टर और नगर निगम कोरबा के पार्षद तथा मेयर इन काउंसिल के सदस्य अमरजीत सिंह के कथित कर्मचारियों ने जान से मारने का प्रयास किया और उसकी बेदम पिटाई करने के बाद उसे मरा हुआ समझकर घटना स्थल पर छोड़कर चले गए। दरअसल ड्राइवर पर हमला इसलिए किया गया कि वह हमलावरों की इच्छा अनुसार उनके कहे हुए स्थान पर कोयला डंप करने से इंकार कर रहा था।

कुसमुंडा क्षेत्र के खदान में काम करने वाले लोगों के अनुसार अमरजीत सिंह और उसके कारिंदे अपनी मर्जी के अनुसार अच्छी क्वालिटी का कोयला जहां चाहते हैं वहां इकट्ठा करा लेते हैं और अन्य ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों को रोककर अपनी सुविधा के अनुसार सबसे पहले अपनी गाड़ियों में कोयला का खदान कराते हैं। कागजों में तो एसईसीएल के अधिकारी बिना भेदभाव के सभी कोयला परिवहन कर्ताओं को कोयला आपूर्ति और लदान के सभी नियमों का पालन करते हुए कोयला प्रदान करते हैं लेकिन हकीकत का इससे दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। धनबल, बाहुबल और राजनीतिक संरक्षण के चलते अन्य ट्रांसपोर्ट व्यवसाई माफिया की शक्ल ले चुके कुछ लोगों के रहमो करम पर निर्भर हो गए हैं। कुसमुंडा गेवरा और दीपका कोयला खदान में खुली गुंडागर्दी होती है। एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारियों को प्रति टन कोयला के एवज में लोडिंग इंस्पेक्टर के जरिए कथित रूप से मोटा चढ़ावा मिलता है, जिसके कारण वह आपराधिक गतिविधियों की ओर से आंखें मूंदे बैठे रहते हैं। तीनों कोयला क्षेत्रों में कोयला माफिया के आतंक का यह आलम है कि कोयला परिवहन करने वाले सभी लोगों ने स्वयं को माफिया के रहमो करम पर छोड़ दिया है। इसका प्रमुख कारण वर्षों से एसईसीएल प्रबंधन तथा कुसमुंडा और दीपका पुलिस थानों में माफिया के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई नहीं होना बताया जाता है।

मंगलवार को कुसमुंडा खदान में खदान के भीतर से लोडिंग पॉइंट तक कोयला परिवहन करने वाली निजी कंपनी नीलकंठ के ड्राइवर गिरधारीलाल नामदेव के साथ हुई मारपीट की घटना बनाम जानलेवा हमला के मामले में कुसमुंडा पुलिस ने कांग्रेस पार्षद अमरजीत सिंह सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ अपराध क्रमांक 0069/2023, भारतीय दंड विधान की धारा कुसमुंडा 120-B-IPC, 294-IPC, 307-IPC, 323-IPC, 34-IPC के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने मामले को संवेदनशील श्रेणी में दर्ज कर विवरण को सार्वजनिक नहीं किया है। बावजूद इसके, यह बात पुलिस थाने से निकलकर सार्वजनिक हो गई है कि प्रकरण में किन- किन लोगों के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। आखिर रिपोर्ट की गोपनीय जानकारी सार्वजनिक कैसे हुई ? यह भी पुलिस के लिए जांच का विषय हो सकता है।

आपको बता दें कि कुसमुंडा कोयला खदान में मंगलवार को नीलकंठ कंपनी के ड्राइवर पर हुए जानलेवा हमला के मामले में कथित आरोपी कांग्रेस पार्षद अमरजीत सिंह के बचाव में नगर निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्याम सुंदर सोनी सहित कांग्रेस के पार्षद और कोरबा जिला शहर तथा ग्रामीण कांग्रेस सक्रिय हो गए हैं। बुधवार की शाम उनके प्रतिनिधिमंडल ने कोरबा कलेक्टर संजीव झा और पुलिस अधीक्षक यू उदय किरण को ज्ञापन सौंपकर अमरजीत सिंह को निर्दोष बताया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

याद रहे कि इससे पहले ठेका कंपनी नीलकंठ के कर्मचारी द्वारा नगर निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद एवं एमआईसी सदस्य अमरजीत सिंह के खिलाफ कुसमुंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले की जानकारी मिलते ही उसके विरोध में बुधवार की शाम जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप जायसवाल और शहर अध्यक्ष सपना चौहान के नेतृत्व में महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्याम सुंदर सोनी सहित बड़ी संख्या में पार्षद एवं एल्डरमैन द्वारा पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर संबंधित मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

इस संबंध में कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष सुरेंद्र प्रतापजसवाल ने बताया कि मंगलवार को पार्षद अमरजीत सिंह, नगर निगम द्वारा आयोजित एम आई सी की बैठक में शाम तक शामिल थे। उसके पश्चात रात 10:00 बजे तक दोनों साथ में थे। इस प्रकार अमरजीत सिंह का इस घटना में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है।

वही इस मुद्दे पर महापौर राजकिशोर प्रसाद का कहना है कि अमरजीत सिंह अपने क्षेत्र में एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के साथ ही अग्रणी समाज सेवक हैं। उनकी छवि को धूमिल करने के लिए इस घटना में उनका नाम घसीटा गया है। उन्होंने कुसमुंडा पुलिस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के द्वारा बिना छानबीन किए विभिन्न धाराओं के तहत पार्षद अमरजीत सिंह का नाम मारपीट की घटना में शामिल किया गया है। महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि हमने ज्ञापन के माध्यम से पुलिस अधीक्षक एवं जिला कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि की छवि खराब करने वालों पर उचित कार्यवाही करने की गुजारिश की है।

दूसरी ओर इस मामले में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना भी सक्रिय हो गई है और गिरधारीलाल नामदेव पर प्राणघातक हमले के आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग कर रही है।

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