एसईसीएल को मिला वल्र्ड वाटर अवार्ड
कोरबा 18 मार्च। एसईसीएल की कोयला खदानों से निकले पानी का सदुपयोग कर जल संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम से कंपनी को वल्र्ड वाटर अवार्ड से सम्मानित किया है। वाटर डाइजेस्ट की ओर से नई दिल्ली में हुए कार्यक्रम में पब्लिक सेक्टर श्रेणी में एसईसीएल को सर्वश्रेष्ठ जल प्रबंधन पुरस्कार केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिया। उक्त अवार्ड एसईसीएल के मुख्य प्रबंधक सिविल मानस साहू ने प्राप्त किया।
एसईसीएल की खदानों से कोयला उत्खनन के दौरान मोटर पंप से पानी बाहर निकाला जाता है। साल 2022 से अब तक करीब 735 लाख किलोलीटर पानी एसईसीएल की विभिन्न खदानों से निकला है। लगभग 262.26 किलोलीटर पानी का स्थानीय लोगों ने उपयोग किया है। जबकि 25.70 किलोलीटर पानी का ट्रीटमेंट के बाद पेयजल के रूप में इस्तेमाल हुआ है। लगभग 236.56 किलोलीटर पानी को 2852 एकड़ भूमि की सिंचाई हुई है। । खदान से निकले जल से 142 गांवों की लगभग 61 हजार आबादी लाभान्वित हुई है। खदानों से निकलने वाले पानी की गुणवत्ता जांचने एसईसीएल ने सभी एरिया की खदानों को मिलाकर कुल 17 रियल टाइम इफ्लुएंट मॉनिटरिंग सिस्टम्स भी लगाया है। कंपनी खदान से निकलने वाले पानी के ट्रीटमेंट के लिए खुली खदानों में सेडिमेंटेशन टैंक, सेटलिंग तालाब बनाने पर काम कर रही है, जो वॉटर रिचार्ज बेसिन के रूप में काम करेगा। बता दें कि खदानों में कोयला निकालने पानी को बाहर निकाला जाता है। इससे क्षेत्र का भू-जल स्तर भी घट जाता है। वॉटर रिचार्ज बेसिन से इसे बढ़ाने की योजना है।