गेवरा जीएम माइनिंग ऑफिस में दी आत्मदाह की चेतावनी

जमीन अर्जन के बाद नौकरी नहीं मिलने से परेशान है ग्रामीण

कोरबा 26 फरवरी। मैं महीनों से रोजगार पाने आफिस का चक्कर काटकर हार चुका हूँ, जिस कारण में एसईसीएल गेवरा जीएम माइनिंग के आफिस में 3 मार्च दोपहर 1 बजे आत्मदाह करूंगा। भिलाईबाजार के ग्रामीण अनिल कुमार पाटले ने कोरबा जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपे ज्ञापन में उक्त चेतावनी दी है।

बताया जा रहा हैं की एसईसीएल गेवरा परियोजना का भू-विस्थापित है। उसके पिता रेशमलाल पाटले के नाम से बाहनपाठ में शमिलात जमीन का अर्जन किया गया है। अर्जित भूमि के एवज में उसके नाम से भू-विस्थापित प्रमाण पत्र भी बन चुका है। विगत 7 दिसंबर 2022 को एईसीएल गेवरा प्रबंधन, जिला प्रशासन व ग्रामीणों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी। जिसमें सहमति बनी थी कि परियोजना के कंपनियों में रोजगार के लिए सर्वप्रथम भू-विस्थापितों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसने हरिराम गोदारा कंपनी में रोजगार के लिए 10 दिसंबर को आवेदन जमा किया। जिससे परियोजना द्वारा वीटीसी नहीं होने का हवाला दिया गया। जिस पर वीटीसी कराया गया बोटीसी पूरा होने के बाद रोजगार के लिए 6 लोगों के नाम को लिस्ट निकाली गई, लेकिन आज पर्यंत तक उसे रोजगार नहीं मिला। गोदारा कंपनी के जीएम से मुलाकात की तो वे कंपनी में जगह नहीं होने की बात कहने लगे। एसईसीएल गेवरा जीएम माइनिंग से मिले तो उन्होंने भी समस्या का निराकरण नहीं किया।

आगे कहा की अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा से मिलकर अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। लेकिन जब इस पत्र को जीएम माइनिंग को देने पहुंचे तो उनसे मिलने देने की बजाए पीए ने मैं दिखा दूंगा कहते हुए भगा दिया। अब वह कार्यालयों के चक्कर काट-काटकर थक चुका है। जिसे लेकर उसने तीन मार्च को आत्मदाह की चेतावनी दी है।

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