कोल इंडिया से पॉलिसी रद्द करने व जमीन लौटाने की मांग करेगा भू-विस्थापित संघ

कोरबा 4 सितम्बर। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति की बैठक हुई। इसमें जिले में संचालित कोयला खदानों से विस्थापित होने वाले परिवारों की दो प्रमुख मांग हर खाते में रोजगार हर परिवार को रोजगार व पुरानी अर्जित जमीन की वापसी की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाने और इसके आधार पर नियमों में बदवाल की मांग का निर्णय लिया है।

संगठन के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने कहा कि संगठन की बैठक में तय किया है कि कोल इंडिया पालिसी को रद्द कराने व पूर्व में अर्जित जमीन मूल खातेदारों को वापसी के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास करते हुए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। सपुरन कुलदीप ने कहा कि कोल इंडिया पालिसी के कारण छोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है। अत: मूल खातेदारों को रोजगार प्राप्त हो, इसके लिए पालिसी को रद्द करना जरूरी है। इसी तरह अब सभी पुरानी खदान बंद की जा रही है। इसलिए बंद होने वाले खदान क्षेत्र की ऐसे सभी अर्जित भूमि पर मूल खातेदारों को उनकी जमीन वापस करनी चाहिए। बैठक में तय किया है कि इन दोनों मांगों पर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और बात रखेंगे, फिर लोक सभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका देकर आग्रह करेंगे। इसमें कोल इंडिया पॉलिसी के नियमों में संशोधन कराने की मांग की जाएगी।

ऊर्जाधानी संगठन के अनुसार 2010 में जिला पुनर्वास समिति की बैठक हुई थी। इसके संदर्भ में परियोजना प्रभावित ग्राम सभाओं को स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। कोल इंडिया पालिसी 2012 को लागू करते हुए प्रति 2 एकड़ में एक रोजगार लागू कर एमपी व छग पुनर्वास नीति के हर खाते रोजगार के नियम को समाप्त कर दिया गया। इसमे बड़ी बात ये भी थी कि बैठक से पूर्व वर्ष 2000, 2007, 2009 में अर्जन मामले में भी नई नीति लागू कर छोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित कर दिया।

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