मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार का आरोप, अमर अग्रवाल ने मांगा इस्तीफा

कोरबा 6 जुलाई। छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने आज राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बड़ा हमला बोला। उन्होनें राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नैतिकता के आधार पर उनसे तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है।

भाजपा नेता अमर अग्रवाल आज देर शाम यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उहोंने कहा कि गत 30 जून 2022 को कांग्रेस की भ्रष्ट्र भूपेश सरकार के कारण छत्तीसगढ़ महतारी एक बार फिर शर्मसार हुई। मै ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी के दुर्ग स्थित आवास में आई टी विभाग ने 24 महिने में दूसरी बार रेड किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के करीबी सूर्यकांत तिवारी एवं उनके पार्टनर के साथ कुल 30 स्थानों में कार्यवाही की। ये वही सूर्यकांत तिवारी है जो, जब हॉस्पिटल में एडमिट होते हैं तो मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल एवं विधायकों के साथ उनका हाल चाल जानने पहुँच जाते हैं। इस रेड में कुल 9.5 करोड़ अघोषित कैश एवं 4.5 करोड़ की ज्वेलरी बरामद हुई। साथ ही 200 करोड़ से अधिक के कलेक्शन के भी प्रमाण मिले हैं। यह रेड मुख्य रूप से प्रदेश में कोल ट्रांसपोर्ट से हो रही अवैध कमाई को भी प्रमाणित करती है। उन्होंने कहा कि इस जांच के दौरान 50 करोड़ की अचल संपत्ति के दस्तावेज भी आई टी विभाग को प्राप्त हुये हैं। विभाग का दावा है कि जांच के दौरान कर चोरी के कई पुख्ता दस्तावेज मिले हैं। साथ ही एकाउन्ट सीट्स और डिजीटल साक्ष्य भी प्राप्त हुये हैं। उन्होंने आयकर अधिकारियों के हवाले से कहा कि जांच के दौरान सरकारी अधिकारियों को भी नकद भुगतान किये जाने के साक्ष्य मिले हैं जोकि बहुत गंभीर हैं। जिसकी आई टी विभाग द्वारा गंभीरता से जांच किया जा रहा है और जरुरत पड़ने पर विभाग द्वारा उन्हें जल्द ही पूछताछ हेतु बुलाया जा सकता है।

भाजपा नेता ने बताया कि इस जांच में सूर्यकांत तिवारी द्वारा कोरबा की एक कोल वाशरी को खरीदने में 45 करोड़ के अघोषित कैश भुगतान का भी प्रमाण मिला है। अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भी कैश भुगतान के प्रमाण भी आई टी विभाग को मिले हैं। आई. टी. विभाग की कार्यवाही की प्रारंभिक जांच में जो प्रमाण मिले हैं वह प्रदेश में हो रही कई सौ करोड़ रूपए की अवैध उगाही को प्रमाणित करता है, जिसकी जांच विभाग द्वारा की जा रही है

अमर अग्रवाल ने कहा कि इस पूरी कार्यवाही में दो लोग मुख्य केंद्रबिंदु रहे। एक सूर्यकांत तिवारी और दूसरी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी। यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि दोनों ही भूपेश बघेल के लिए काम कर रहे है तो इसका मतलब इन दोनों को प्रदेश के मुखिया का संरक्षण है और इन्ही की शरण में दोनों प्रदेश को लुटने में लगे हुए हैं। यह सरकार पूरी तरह अपने 3.5 साल के कार्यकाल में ही भ्रष्टाचार के दलदल में फँस चुकी है। इस भ्रष्ट सरकार के कारण छत्तीसगढ़ महतारी का सर शर्म से झुक गया है। उन्होंने कहा कि हमने भी 15 वर्षों तक सरकार चलाया और इनमें से 10 वर्षों तक कांग्रेस के शासन काल में सरकार चलाया। उस दौरान भी प्रदेश में आई. टी. के कई छापे पड़े लेकिन हमारी सरकार पर कभी आंच नहीं आई और इस कांग्रेस की सरकार से जुड़े लोगों के विरुद्ध दो बार आई. टी. विभाग ने कार्यवाही किया। यदि राज्य सरकार वर्ष 2020 में की गयी कार्यवाही से जुड़े लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करती तो आज ये नौबत नहीं आती। जबकि आई. टी. विभाग द्वारा राज्य सरकार को वर्ष 2020 में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए पत्र भी भेजा गया था, लेकिन जब मुखिया का ही संरक्षण है तो कार्यवाही कौन करेगा? उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है। वह 2023 में इसका हिसाब करेगी।

भाजपा नेता ने बताया कि इस जांच के दौरान 50 करोड़ की अचल संपत्ति के दस्तावेज भी आई टी विभाग को प्राप्त हुये हैं। विभाग का दावा है कि जांच के दौरान कर चोरी के कई पुख्ता दस्तावेज मिले हैं। साथ ही एकाउन्ट सीट्स और डिजीटल साक्ष्य भी प्राप्त हुये हैं। आयकर अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान सरकारी अधिकारियों को भी नकद भुगतान किये जाने के साक्ष्य मिले हैं जोकि बहुत गंभीर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिये पुरजोर कोशिश कर रही है। यह सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है। यह सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। इस जांच से यह साबित होता है कि इसमें मुख्यमंत्री पूरी तरह से संलिप्त हैं और नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री को तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये।

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