रायपुर में बनेगा प्रदेश का पहला झूला पुल, ऊपर से गुजरेंगी गाड़ियां

राजधानी के न्यू राजेंद्र नगर से कमल बिहार को जोड़ने वाला निर्माणाधीन ओवरब्रिज पर झूला पुल बनाया जाएगा। प्रदेश का यह पहला झूला पुल होगा, जिसके ऊपर से गाड़ियां गुजरेंगी। सेतु निगम ने इसकी ड्राइंग-डिजाइन बना ली है। जल्द ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। ब्रिज के दोनों तरफ लाइटिंग की जाएगी, जिससे ब्रिज की सुंदरता पर चार चांद लगेगा।

ओवरब्रिज शुरू होने के बाद काशीराम नगर की ओर से आने वाले लोग फ्लाईओवर से सीधे कमल विहार पहुंच जाएंगे। एमएमआइ अस्पताल, पचपेड़ी नाका और कमल विहार की ओर जाने वाले लोगों को खासी राहत मिलेगी। सेतु निगम के अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक ओवरब्रिज की सुविधा आम लोगों को मिलने लगेगी। राष्ट्रीय राजमार्ग 38 पर ओवरब्रिज के निर्माण के लिए 25 करोड़ 38 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया था। लखनऊ की जीएस एक्सप्रेस-वे नामक कंपनी को इसका टेंडर मिला है। ओवरब्रिज की लंबाई 786.00 मीटर और चौड़ाई 08.40 मीटर है। वर्तमान में केनाल रोड पर लालपुर के पास धमतरी रोड पर ओवरब्रिज का काम चल रहा है। न्यू राजेंद्र नगर और कमल विहार की तरफ ओवरब्रिज का काम पूरा हो गया है। सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊपर का निर्माण कार्य बचा है। यही हिस्सा सस्पेंशन युक्त रहेगा यानी झूला पुल बनेगा। नीचे सिर्फ चार पाए रहेंगे और ब्रिज के ऊपर तार लगे रहेंगे। इस तकनीक से बनने वाला यह प्रदेश का पहला ओवरब्रिज है।

सुगम होगा यातायात

पुल के बन जाने से रायपुर-अभनपुर-धमतरी मार्ग पर यातायात सुगम होगा। कमल विहार जाने वाली सड़क से यह मार्ग जुड़ जाएगा। काशीराम नगर की ओर से पचपेड़ी नाका, राजेंद्र नगर, लालपुर की तरफ वाहनों की आवा-जाही बढ़ेगी। काशीराम नगर से गाड़ियां राजेंद्र नगर में उतरकर सीधे कमल विहार की ओर फ्लाईओवर पर चढेंगी। कुल मिलाकर करीब एक से डेढ़ लाख की आबादी को राहत मिलेगी।

गर्डर चढ़ाने की तैयारी

सेतु निगम के अधिकारियों के अनुसार राजमार्ग के ऊपर चढ़ाने के लिए स्टील के गर्डर आ गए हैं। गर्डर चढ़ाने की तैयारी की जा रही है। दिसंबर 2020 तक ओवरब्रिज का काम पूरा कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

कमल विहार और न्यू राजेंद्र नगर को जोड़ने वाले ओवरब्रिज का निर्माण दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। ओवरब्रिज को नई तकनीक से बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग का ऊपरी हिस्सा सस्पेंशन युक्त रहेगा। ऊपर तार लगे रहेंगे। प्रदेश का यह पहला सस्पेंशन युक्त ब्रिज होगा।

– एस.वी. पड़ेगांवकर, कार्यपालन अभियंता, सेतु निगम
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