पुलिस परिवार के संयोजक उज्जवल दीवान और तीन साथियों के जेल के भीतर आमरण अनशन पर बैठने का दावा, जेल प्रशासन का इनकार

कोरबा से गोपनीय स्थान पर भेजे गए पुलिस द्रोह के चारों आरोपी

कोरबा 29 मार्च। जिला जेल कोरबा में निरुद्ध पुलिस परिवार के संयोजक उज्जवल दीवान और उनके तीन साथियों के जेल के भीतर आमरण अनशन पर बैठने के बाद उन्हें अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है। जबकि जेल प्रभारी नेकैदियों के स्थानांतरण की पुष्टि की है लेकिन उनके अनशन पर बैठने से इनकार किया है।

पिछले दो माह से भी अधिक समय से जेल में निरुद्ध चार पुलिस कर्मियों के परिजनों ने इस सम्बन्ध में कलेक्टर रायपुर के माध्यम से छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को मंगलवार को लिखित जानकारी दी है। ज्ञापन में कहा गया है कि पुलिस प्रताड़ना से त्रस्त होकर पुलिस परिवार ( संस्था) के संयोजक उज्जवल दीवान, संजीव मिश्रा, यस संतोष और नवीन राव कोरबा जेल में तीन दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं। जब तक उन्हें न्याय नही मिलता वे अपना अनशन जारी रखेंगे।

जेल में निरुद्ध पुलिस कर्मियों के परिजनों के अनुसार पुलिस परिवार के संयोजक उज्जवल दीवान और उनके तीन अन्य साथियों को 9 जनवरी 2022 को रायपुर थाना टिकरापारा
पुलिस ने पुलिस द्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर रायपुर जेल में दाखिल किया था। चारों आरोपियों को आज दिनांक तक किसी भी न्यायालय में पेश नहीं किया गया है। परिजनों के अनुसार कई बार पेशी तारीख मिल चुकी है। परिजनों के मुताबिक इनकी गिरफ्तारी के बाद 11 जनवरी 2022 को इन चारों के खिलाफ जिला बीजापुर, जिला सुकमा, जिला नारायण पुर में एक ही प्रकार के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे। पुलिस ने जिला रायपुर और जिला नारायणपुर से इनकी गिरफ्तारी बताया है। जिला बीजापुर और जिला सुकमा पुलिस ने अब तक दर्ज प्रकरणों में इनकी गिरफ्तारी नहीं की है। इस बीच उज्जवल दीवान और उसके तीनों साथियों को रायपुर जेल से कोरबा जेल ट्रांसफर कर दिया गया।ताकि वे लोग अपने परिवार से मुलाकात ना कर सकें।

आरोपियों के परिजनों के अनुसार आज दिनांक तक जिला रायपुर, जिला नारायणपुर में चारों की गिरफ्तारी के बाद से न्यायालयों में कई बार पेशी हो चुकी है, किंतु उन लोगों को एक बार भी न्यायालय में पेश नहीं किया गया है और लगातार पुलिस अधिकारियों की ओर से जेल के अधिकारियों को निर्देश देकर जेल में भी उन लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। आरोप है कि जिला बीजापुर और जिला सुकमा के अधिकारी निष्क्रिय हैं इस वजह से आज दिनांक तक उन चारों को दर्ज प्रकरण में गिरफ्तार नहीं किए हैं। परिजनों का दावा है कि प्रताड़ना असहनीय होने के कारण चारों लोग कोरबा जेल में आमरण अनशन कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक चारों अपना अनशन समाप्त नहीं करेंगे। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि यदि अनशन के दौरान उनमें से किसी को भी कुछ हो जाता है तो उसके लिए छत्तीसगढ़ शासन और पुलिस प्रशासन जिम्मेदार होगा।

इस सम्बंध में जिला जेल कोरबा के प्रभारी विजय आनंद सिंह से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने आरोपियों के अनशन पर बैठने से स्पष्ट इनकार किया। उन्होंने कहा कि आरोपी अनशन पर बैठने की बात जरूर कर रहे थे। लेकिन अनशन पर नहीं बैठे। इसके बाद मंगलवार 29 मार्च को उन्हें कोरबा से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने स्थानांतरित स्थल के सम्बंध में गोपनीय विषय होने का हवाला देकर कोई जानकारी नहीं दी।

उल्लेखनीय है कि 2800 पे ग्रेड सहित ग्यारह सूत्रीय मांग को लेकर पुलिस कर्मियों ने पुलिस परिवार के बैनर तले राजधानी में सपरिवार आंदोलन किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक समिति गठित की थी। लम्बे समय बाद भी जब मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस परिवार के संयोजक और पुलिस आरक्षक उज्जवल दीवान ने फिर से सपरिवार आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद रायपुर पुलिस नेउज्ज्वल दीवान और उसके तीन अन्य साथियों को पुलिस द्रोह केआरोप में 9 जनवरी 2022 को गिरफ्तार कर लिया था। तब से चारों आरोपी जेल में निरुद्ध हैं।

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