भू-अर्जन व अनुकंपा नियुक्ति के मामले में रोड़ा, पात्र लोग परेशान

कोरबा 7 मार्च। जिन कारणों से एसईसीएल प्रबंधन के सामने चुनौतियां पेश आ रही है और समस्याएं बढ़ रही है, उनको गंभीरता से लेने का काम अधिकारी और नीचे का अमला नहीं कर रहा है। भू-अर्जन के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में प्रबंधन का अड़ियल रवैया बना हुआ है। डेढ़ वर्ष से अनुकंपा नियुक्ति के मामले में रोड़बाजी करने से पात्र लोग परेशान हैं।

जानकारी के अनुसार एसईसीएल के कोरबा, कुसमुंडा, गेवरा और दीपका विस्तार क्षेत्र से ऐसे मामलों की संख्या सैकड़ों में है। कोविड और इससे पहले काम के दौरान एसईसीएल कर्मचारियों की मौत होने पर नियमों के अंतर्गत आश्रित के द्वारा अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित नामांकन भरा गया था। इसके लिए जो अर्हता चाही गई है, संबंधित लोगों ने इसकी पूर्ति की। कई टेबल से गुजरकर आवेदन कार्मिक विभाग होते हुए बिलासपुर मुख्यालय पहुंच चुके हैं। वहां से हस्ताक्षर और आवश्यक पूछताछ के बाद फाइलों को एरिया वापस भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई करने के बाद मामलों में दिक्कत क्या है न तो इसे बताया जा रहा है और न ही नामांकित व्यक्तियों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए कार्यवाही की जा रही है। बताया जाता है कि नामांकन करने के बाद से लेकर अब तक ऐसे लोग सब एरिया से लेकर कंपनी हेडक्वार्टर के चक्कर लगा चुके हैं। इसी फेर में लोगों का समय जाया हो रहा है और रुपए खर्च हो रहे हैं। अनेक प्रकरणों में पूछताछ की गई है कि आखिर नियुक्ति देने में समस्या क्या है लेकिन अधिकारियों की ओर से इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इन्हीं सब कारणों से बार-बार एसईसीएल की खदानों के साथ-साथ अन्य कार्यालयों में गतिरोध पैदा हो रहा है।

कार्पोरेट कंपनी एसईसीएल बार-बार कर्मचारी कल्याण को लेकर दावे करती है और बताने का प्रयास करती है कि उसके जैसा काम कहीं और हो ही नहीं रहा है। लेकिन अनेक मौकों पर इसकी हकीकत सामने आ रही है। जानकारों का कहना है कि काम के दौरान कर्मचारी की मौत पर उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति और दूसरी सुविधा का लाभ देने के बजाय उन्हें परेशान करना आखिर कहां का कल्याण है। कहा जा रहा है कि समय के साथ कंपनी के अधिकारी कर्मचारी कल्याण की गलत व्याख्याता करने पर उतारू हो गये हैं।

Spread the word