अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी

•विश्व भर में 21 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति लोगों में रुझान पैदा करना और जागरुकता फैलाना है.

•अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार सबसे पहले बांग्लादेश से आया. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के सामान्य सम्मेलन ने 17 नवंबर 1999 में मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की.

•एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिलहाल 1365 मातृभाषाएं हैं, जिनका क्षेत्रीय आधार अलग-अलग है.

•43 करोड़ लोग देश में हिंदी बोलते हैं, इसमें 12 फीसद द्विभाषी है. अन्य मातृभाषी लोगों के बीच भी हिंदी दूसरी भाषा के रूप में लोकप्रिय है.

•हिंदी मॉरीशस, त्रिनिदाद-टोबैगो, गुयाना और सूरीनाम की प्रमुख भाषा है. फिजी की सरकारी भाषा है.

•विश्व में जो भाषाएं सबसे ज्यादा बोली जाती हैं. उनमें अंग्रेजी, जैपनीज़, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी भाषा शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 6900 भाषाएं हैं जो विश्व भर में बोली जाती हैं.

•साल 2022 के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का विषय का थीम “बहुभाषी शिक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग: चुनौतियां और अवसर” रखा गया है।

•संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2022-2032 के दशक को स्वदेशी भाषाओं का अंतर्राष्ट्रीय दशक के रूप में मनाया जाएगा।

•मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा से ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं एसडीजी को प्राप्त प्राप्त किया जा सकता है।  इसके लिए आवश्यक है कि बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह प्रावधान किया गया है।

•विश्व भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता का प्रचार-प्रसार करना है और दुनिया में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति लोगों को जागरुक करना है.

•मातृभाषाएं हमारी सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान एवं हमारे सामूहिक ज्ञान और बुद्धिमत्ता का भंडार हैं। निरंतर उपयोग से ही भाषाएं समृद्ध होती हैं और हर दिन एक मातृभाषा दिवस होना चाहिए।

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