राजस्व कर्मचारियों का हड़ताल समाप्त, अधिवक्ताओं ने किया एक दिनी प्रदर्शन
कोरबा 19 फरवरी। राजस्व कर्मचारियों ने हड़ताल समापन की घोषणा कर दी है। सभी कर्मचारी सोमवार को काम लौट जाएंगे। रायगढ में वकीलों की गिरफ्तारी और कर्मचारियों की सुरक्षा संबंधी मांग पूरा होने पर यह निर्णय लिया गया है। इधर अधिवक्ताओं का विरोध जारी है। तहसील कार्यालय में ताला बंद करने वाले पर एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर अधिवक्ता संघ से रामपुर चौकी के सामने शुक्रवार को धरना प्रदर्शन किया। तीन घंटे तक चले सांकेतिक प्रदर्शन के बाद अधिवक्ताओं ने आने वाले दिनों संघ के निर्णय के अनुसार अनवरत प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
रायगढ़ में हुई घटना को लेकर राजस्व कर्मचारी पिछले पांच दिनों से रामपुर चौकी हड़ताल पर हैं। दो पक्षों में जारी विरोध के चलते राजस्व व न्यायालय संबंधी कामकाज ठप है। अधिवक्ता और राजस्व कर्मचारियों धरना प्रदर्शन का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। शुक्रवार का दिन दोहरे प्रदर्शन का दिन रहा। तानसेन चौक में राजस्व कर्मचारियों की प्रदर्शन जारी रही वहीं रामपुर चौकी के के सामने अधिवक्ताओं का प्रदर्शन जारी रहा। राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल की शुरूवात से ही राजस्व कार्यालय में ताला जड़ दिया गया था। अधिवक्ताओं का कहना है कि किसी भी प्रशासन सेवा कार्य स्थल में ताला जड़ना संवैधानिक नियम का उल्लंघन है। विरोध जताते हुए अधिवक्ताओं गुरूवार को रामपुर चौकी के सामने राजस्व विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का गुरूवार को पुतला जलाकर अधिवक्ताओं ने गुरूवार को रामपुर चौकी में ताला बंद करने वालों की थी। अधिवक्ता संघ ने कहा था शुक्रवार दस बजे तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे। इसी कड़ी में कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन करते हुए नारे बाजी की। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गणेश कुलदीप ने बताया कि हमारा विरोध राजस्व अधिकारियों से नहीं बल्कि कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार से है। राजस्व कार्यालय में पिछले पांच दिनो से ताला लगा है। यहां काम करन वाले अधिवक्ताओं को बाहर निकाल दिया। उन्होने कहा कि हमारी यह मांग है कि जिसने भी तहसील कार्यालय में ताला लगाया उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया किया। अधिवक्ता अशोक तिवारी ने कहा कि धरना पदर्शन के माध्यम से हम यह भी मांग करते हैं कि रायगढ़ में गिरफ्तार किए गए अधिवक्ताओं को रिहा किया जाए। इधर राजस्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जगदीश खरे ने बताया कि हमारी दो मांगे थी। इनमें अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी और तहसील कार्यालय में सुरक्षा व्यवस्था शामिल थी। दोनों ही मांगे पूर्ण होने पर हमने राज्य संगठन के निर्णय के अनुसार हड़ताल से वापस काम पर लौटने का निर्णय लिया है।