गांव में बने जल स्त्रोत, पानी का एक बूंद भी नहीं बहने दिया जाएगा व्यर्थ

कोरबा 7 फरवरी। गांव में बने जल स्त्रोत और सार्वजनिक जगहों ने निकलने वाली गंदे पानी की प्रबंधन के लिए 412 ग्राम पंचायतों में 16 हजार 757 सोख्ता बनाया जाएगा। इसकी शुरूवआत कोरबा विकासखंड के सोनगुढा, चुईया और कोरियाघाट आदि गांव से शुरू हो गया है। जल संरक्षण और संवर्धन दिशा में यह कार्य रोजगार गारंटी और स्वच्छ भारत मिशन के संयुक्त तत्वावधान किया जा रहा है। भूमिगत जल स्त्रोत सुरक्षा के लिए किए जा रहे इस कार्य से गांवों में गर्मी के समय पानी की समस्या नहीं होगी।

पानी के प्रत्येक बूंद को संरक्षित करने के लिए बनने वाली सोख्ता को लेकर जिला प्रशासन ने न केवल कार्य योजना तैयार कर ली है बल्कि इसे मूर्त रूप देना भी शुरू कर दिया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन के जिले के 415 ग्राम पंचायतों में गंदे पानी के प्रबंधन एवं जल संवर्धन के लिए 16 हजार 757 सोख्ता पिट गड्ढे, बनाए जा रहे हैं। ग्रामों में ग्राम पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, मंदिर, मुक्तिधाम, स्कूल, सार्वजनिक नल, सामुदायिक हैंडपंप, ट्यूबबेल, सार्वजनिक कुंआ आदि स्थानों पर सोख्ता पिट बनाए जा रहे हैं। यहां बताना होगा कि गांवों में लोगों की सुविधा के लिए हैंडपंप लगाए गए हैं, इनका पानी खुले में या फिर नाली के सहारे बर्बाद होता है। नालियों से गंदा पानी सड़क पर फैलता है, जिससे गंदगी होती है, और गंदगी से कई बीमारियां पनपती है। पानी के महत्व को समझते हुए सभी गांवों में हैडपंप, जल स्त्रोतों के समीप व्यर्थ में बहने वाले जल को संग्रहीत करके भूजल स्तर बढाने के लिए सोख्ता पिट बनाए जा रहे हैं। सोख्ता में जल स्त्रोत संग्रहित रहने से गांव की भूमिगत जल स्त्रोत स्थिर रहेगा। आम तौर पर देखा जाता है कि गर्मी के समय भूमिगत जल स्त्रोत कम होने से हैंडपंप से पानी निकला बंद हो जाता है। इससे गांव भर में पानी की समस्या होगी। सोख्ता का निर्माण होने से न केवल जल संकट की समस्या दूर होगी बल्कि गांवों की स्वच्छता बढ़ेगी। पूरे गांव के पानी निकास के लिए नाली निर्माण को भी बढ़ावा मिलेगा।

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