कोरबा छत्तीसगढ़ राजकाज यहां कायम है जंगल राज: नगर निगम कोरबा में बुजुर्गों और दिव्यान्गजनों का उपहास, मगर शर्म इनको नहीं आती Gendlal Shukla July 31, 2020 कोरबा 31 जुलाई। भारत सरकार द्वारा दिव्यान्गजनों व वृद्धजनों के शासकीय कार्यालयों में आवागमन को सुगम व सुलभ बनाने के दृष्टिकोण से विभिन्न आदेश व दिशा-निर्देश जारी किए गए है पर नगर निगम कोरबा के अधिकारीयों ने इन सभी नियमों व दिशा-निर्देशों को ठेंगा दिखाने की ठान रखी है। नगर पालिक निगम कोरबा साकेत भवन में वृद्धजनों व दिव्यान्गजनों के आवागमन की सुगमता हेतु वर्ष 2016 में 18.62 लाख रुपये की लागत से लिफ्ट लगवाई गई थी जिसका लोकार्पण तत्कालीन महापौर रेणु अग्रवाल द्वारा किया गया था। दुर्भाग्यवश लोकार्पण के कुछ माह पश्चात ही निगम अधिकारीयों की कार्यकुशलता व गुणवत्तापूर्ण कार्यशैली की पोल खोलते हुए उक्त लिफ्ट खराब हो गई जिसका पूर्ण रूप से सुधार कार्य आज दिनांक तक नहीं किया जा सका है। किसी उच्च अधिकारी के आने व निरिक्षण के दौरान निगम द्वारा लिफ्ट को जैसे तैसे शुरू किया जाता है जिसे अगले दिन पुनः बंद कर दीया जाता है। इस मामले में निगम प्रशासन का कहना है की संबंधित ठेकेदार को लिफ्ट खराब हो जाने के कारण प्रथम भुगतान में 15% राशि को रोकते हुए 13.61 लाख का भुगतान किया गया है व रोकी गई राशि के अलावा ठेकेदार को कार्य का अंतिम भुगतान भी नहीं किया गया है। ठेकेदार को निगम द्वारा समय समय पर नोटिस जारी किया जाता रहा है परन्तु ठेकेदार द्वारा लिफ्ट का सुधार कार्य कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। ठेकेदार द्वारा सुधार नहीं कराए जाने की स्थिति में शेष राशि को जप्त करते हुए निगम प्रशासन द्वारा ही लिफ्ट का सुधार कार्य कराया जावेगा। आपको बता दें की निगम द्वारा ठेकेदार को 3 वर्षों में कुल 5 नोटिस जारी किए गए है जिसमे प्रथम नोटिस वर्ष 2017 में जारी किया गया था तथा अंतिम नोटिस पिछले माह 24 जून 2020 को जारी किया गया है। आश्चर्य की बात यह है की 18 लाख के कार्य में 13 लाख रुपये भुगतान लेकर ठेकेदार को संतोष क्यों हैं और लिफ्ट सुधार कर शेष 5 लाख रुपये प्राप्त करने में वह दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रहा है।नियमों का नहीं हुआ पालनजानकारों की माने तो लिफ्ट लगाने के कार्य में निगम प्रशासन द्वारा नियमों की अनदेखी की गई है। ठेकेदार द्वारा अनुभव के रूप में कलकत्ता की कंपनी इलेक्ट्रो पॉवर एंड मैकेनिकल इंटरप्राइजेस का डीलरशिप सर्टिफिकेट मात्र लगाया गया है जो की इस क्षेत्र में कोई जानी-मानी कंपनी नहीं है। इसके अलावा लिफ्ट लगाने हेतु रायपुर से ड्राइंग अप्रूवल तथा परमिशन लेना होता है जो ठेकेदार द्वारा नहीं लिया गया है। साथ ही लिफ्ट लगाने का कार्य लिफ्ट निर्माण करने वाली कंपनी के इंजिनीअर द्वारा किया जाता है न की डीलर या ठेकेदार के द्वारा परन्तु निगम अधिकारीयों ने इन सभी नियमों की अनदेखी की, जिसका लाभ उठाकर ठेकेदार ने गुणवत्ताहिन लिफ्ट की स्थापना निगम परिसर में कर दिया।इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट है पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर नहीनियमों व तकनीकी विषयों की अनदेखी के प्रश्न पर निगम प्रशासन का कहना है कि लिफ्ट लगाने का कार्य जिस कार्यपालन अभियंता के निर्देशन में हुआ है वह मैकेनिकल ट्रेड के है। वर्तमान में नगर निगम में इलेक्ट्रिकल ट्रेड के कार्यपालन अभियंता उपलब्ध नही है जिसके परिणामस्वरूप जानकारी के अभाव में ऐसे कार्यों से संबंधित तकनीकी बारीकियाँ नजरंदाज़ हो जाती है। आपको बता दे कि नगर निगम कोरबा द्वारा निगम क्षेत्रान्तर्गत स्ट्रीट लाइट लगाने तथा उनका व अन्य शासकीय भवनों का मेंटेनेन्स का कार्य लगातार सुचारू रूप से कराया जाता है परंतु उसके पश्चात भी अनुभवी इंजीनियर का न होना निगम प्रशासन की व्यवस्था अव्यवस्थाओं को खुद ही बयां करता है। Spread the word Continue Reading Previous छत्तीसगढ़ विधानसभा का सप्तम सत्र 25 से 28 अगस्त तक, चार दिन का होगा सत्रNext न्यूज़ एक्शन की खबर का असर, अब घर में गणेश स्थापना पर अनुमति नहीं लगेगी Related Articles कोरबा छत्तीसगढ़ सुरक्षा हाथी समस्या हाथियों की आवाजाही पर वन विभाग ने लोगों को किया सर्तक Gendlal Shukla November 17, 2024 आयोजन कोरबा छत्तीसगढ़ सेहत फिजियोथेरेपी शिविर में पीडितों का हुआ निःशुल्क उपचार Gendlal Shukla November 17, 2024 कानून कोरबा छत्तीसगढ़ पर्यटन सुरक्षा ठण्ड बढने के साथ पिकनिक स्पॉट में बढ़ी लोगों की संख्या, पुलिस की निगरानी जारी Gendlal Shukla November 17, 2024