प्रशासन ने तीन दिन में 42 रेत की गाड़िया किये जप्त

कोरबा 31 जनवरी। मुख्यमंत्री के सख्ती के तीन दिन बाद जिले में 42 रेत के वाहन जब्त किए गए हैं। इन वाहनों में दो हाइवा के अलावा 40 ट्रैक्टर हैं। लगातार हुई कार्रइवाई से अब रेत घाटों में सन्नाटा पसर गया है। हालिया स्थिति है कि जहां ठेके पर घाट चल रहे हैं वहां भी रेत लेने के लिए वाहन दिखाई नहीं पड़ रहे।

शहर के जिन नदी घाटों में दिन के अलावा रात भर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होता था वहां अब वाहनों की आवाज थम गई है। जिले में अब तक जितनी भी कार्रवाई हुई हुई है वह शहर से लगे नदी व नालों में बने अवैध घाट के हैं। शहर घाट नही होने के कारण सर्वाधिक अवैध उत्खनन सीतामढ़ी, ढेंगुरनाला और गेरवाघाट से हो रहा हैं। जिला खनिज अधिकारी ने बताया जिला प्रशासन के अलावा पुलिस टीम द्वारा अवैध उत्खनन पर व परिवहन पर कार्रवाई की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि रेत से भरे वाहनों की धर पकड़ शुरू होने के बाद ठेके से चल रहे घाटों में भी उत्खनन बंद हो गया है। पर्ची कटा कर वैध नियम से रेत लाने के लिए भी ट्रैक्टर चालक तैयार नहीं हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि खनिज विभाग की ओर से केवल वाहन चालकों पर ही कार्रवाई की जा रही है वास्तविकता तो यह है तस्करों ने मुंहमांगी कीमत में रेत को गांवों में भंडारण किया है। इनमें भादा, तरदा, बरीडीह के आसपास के गांव शामिल हैं। इन गांवों में छापामार कार्रवाई की जाए तो काफी मात्रा में डंप किए मिल जाएंगे। शहर में रेत घाट नहीं खुलने के के मामले में पूछे जाने पर जिला खनिज आयुक्त एसएस नाग ने बताया कि मामले में जिला प्रशासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। शीघ्र ही नए घाट की शुरूआत हो जाएगी।

रेत की धर पकड़ तो शुरू कर दी गइ है लेकिन शहर में रेत घाट संचालन अभी तक जिला प्रशासन ने शुरू नहीं किया है। शहर में रेत घाट नहीं होने के अवैध उत्खनन व परिहवन लोगों के लिए मजबूरी बनी हुई है। निजी निर्माण करने वालों में रेत की मांग होने से सप्ताह भर पहले 1500 रूपये का रेत चार हजार में बिक रहा था। रेत परिवहन के अभाव में निगम के अलावा प्रशासन के कई निर्माणस कार्य बंद हैं। उल्लेखनीय है कार्रवाई शुरू होने के रेत के दाम में और भी अधिक उछाल आ गया है। रेत घाट के नहीं खुलने शहर के नदी तटों में लगातार मिट्टी का कटाव हो रहा है। दर्री बांध के पुराने पुल के समानांतर नया पुल का निर्माण किया जा रहा है। पुल के निचले भाग में सर्वेश्वर एनीकट निर्माण होने होने से नदी में पानी भर गया और गेरवा घाट से रेत निलकना बंद हो गया। एनीकट में पानी भराव होने से पुल का निर्माण कार्य बंद हो गया। शहर में पेयजल आपूर्ति के लिए एनीकट बनाया गया है लेकिन पानी भराव से पुल का काम बंद होने से सेतु निगम ने इसे खाली करा दिया है। पानी कम होने से अवैध रेत खनन करने वाल तस्करों के लिए चोरी आसान हो गई। भले ही यहां पिछले तीन दिनों से रेत का परिवहन बंद है, लेकिन पानी भराव कम करने गर्मी में पानी की समस्या होगी।

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