बड़ा फैसला: केन्द्र सरकार ने चैन मार्केटिंग पर लगाई रोक

नईदिल्ली 1 जनवरी। केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाली कंपनियों और धन प्रसार स्कीमों पर रोक लगा दी है. उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत ऐसी कंपनियों के लिए बनाए गए नियमों को अधिसूचित कर दिया गया है.

नए नियम के मुताबिक ऐसी सभी कंपनियों को 90 दिनों के अंदर इन नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा. डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के लिए पहली बार इस तरह के नियम बनाए गए हैं. नए नियम की सबसे बड़ी बात ये है कि ऐसी कंपनियों की ओर से चलाए जाने वाले पिरामिड स्कीम और धन प्रसार स्कीम पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.

गौरतलब है कि क्षेत्र में ऐसी कुछ कंपनिया है जो युवाओं को नेटवर्क मार्केटिंग के जाल में फंसाकर उनका समय और पैसा दोनो बर्बाद कर रही है. इसमे कई शासकीय कर्मचारी भी जुड़े हैं.

क्या होती है पिरामिड स्कीम

इसमें निवेशकों को कम निवेश में भारी पैसे वापस देने का लालच देकर उन्हें ठगी का शिकार बनाया जाता है. जब तक पुराने लोगों से पैसा मिलता रहता है, तब तक नए लोगों को ठीक-ठाक दर से पैसे वापस मिलते रहते हैं, लेकिन जैसे ही नए लोगों की संख्या कम हो जाती है, वैसे ही पिरामिड स्कीम के संचालक कंपनी में ताला लगाकर रातों-रात गायब हो जाते हैं.

क्या है डायरेक्ट सेलिंग

डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं को ग्राहकों को सीधे संपर्क कर बेचती हैं. डायरेक्ट सेलिंग में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मल्टीलेवल मार्केटिंग है. इसके तहत लोग कंपनी से जुड़कर उसका उत्पाद बेचते हैं. साथ में नए लोगों को भी कंपनी से जोड़ते हैं। इसे डाउनलाइन कहा जाता है. जब डाउनलाइन उत्पाद बेचती या खरीदती है तो उसे जोड़ने वाले व्यक्ति को कुछ प्रतिशत मुनाफा मिलता है.

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