धान खरीदी के लिए 20 दिन शेष, केंद्रों में अब तक बारदाना नहीं पहुंचाए गए
कोरबा 11 नवंबर। धान खरीदी के उल्टी गिनती शुरू हो गई है। एक दिसंबर से होने वाली धान खरीदी के लिए 20 दिन का समय शेष है। जिले के 49 में से एक भी केंद्र में बारदानों की आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। जिले में 15 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य हैए जिसके लिए 37 लाख बारादानों की जरूरत होगी। विपणन विभाग ने 13.21 लाख बारदानों का संग्रहण किया है। परिवहन के लिए निविदा नहीं होने के कारण अब विभाग को सरकारी गाइड लाइन का इंतजार है। समय रहते समितियों में बारदाने नहीं पहुंची तो किसानो को धान खरीदी केंद्र में आपूर्ति होते तक रतजगा करना पड़ेगा।
जिले में धान खरीदी की तैयारी ने अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ा है। राज्य शासन की ओर से अभी तक गाइडलाइन जारी नहीं है। अभी केवल धान खरीदी के लिए पंजीयन कार्य ही चल रहा है। जिले में अब तक 37364 किसानों ने पंजीयन करा लिया है। बीते वर्ष की तुलना में लगभग 4000 किसानों की बढ़त हुई है। इस बार 15 लाख धान खरीदी का लक्ष्घ्य विपणन विभाग ने निर्धारित किया है। अनुमानित लक्ष्घ्य के अनुसार 37 लाख बारदानों की जरूरत पड़ेगी। शासन से विभाग से 10 लाख बारदानों की मांग की हैए जो अभी तक नहीं मिली है। पुराने बारदानों के भरोसे ही खरीदारी करनी होगी। इधर किसानों ने धान कटाई शुरू कर दी है। अब उन्हें बेसब्री से उपार्जन केंद्र खुलने का इंतजार है। अब तक विपणन विभाग ने 13.21 लाख बारदानों की ब्यवस्था की हैए जो आवश्यकता से कम है। 15 लाख क्विंटल धान खरीदी के लिए लगभग 37 लाख बारदानों की जरूरत पड़ेगी। बहरहाल संग्रहित किए जा चुके बारदानों को धान उपार्जन केंद्र में पहुंचाने की कोई सुविधा नही है। वास्तव में यह विपणन विभाग के नहीं बल्कि किसानों के समस्या साबित हो रही है। समय सीमा के भीतर केंद्रों में बारदाना नही पहुंचा तो धान बेचने वाले किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। यहां यह भी बताना होगा कि बारदानों की कमी के कारण आपूर्ति होने तक किसानों को उपार्जन केंद्र में रतजगा करना पड़ता है। बीते वर्ष की तुलना इस बार धान खरीदी का कार्य देरी से शुरू हो रही है। मिसाई का काम शुरू हो चुका है। एक दिसंबर धान खरीदी की तिथि तक धान सूख चुके होंगे।