असीमित नहीं है- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: हाईकोर्ट
प्रयागराज 10 अक्टूबर।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है। कुछ प्रतिबंध भी है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी को दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। भगवान राम कृष्ण के खिलाफ इंटरनेट मीडिया में अश्लील टिप्पणी के मामले में कोर्ट ने कहा कि राम के बिना भारत अधूरा है। जिस देश में रह रहे हैं, उस देश के महापुरुषों, संस्कृति सम्मान करना जरुरी है। कोई ईश्वर को माने या न माने, उसे किसी की आस्था पर चोट पहुंचाने का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने कहा हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम् की रही है। हम सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मां कश्चित दुःख भाग भवेत की कामना करने वाले लोग हैं। कोर्ट ने भगवान राम, कृष्ण के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले आकाश जाटव उर्फ सूर्य प्रकाश को दुबारा ऐसे अपराध न करने की चेतावनी देते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि याची पिछले 10 माह से जेल में बंद हैं। विचारण शीघ्र पूरा होने की संभावना नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी दाताराम केस में कहा है कि जमानत अधिकार है और जेल अपवाद। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हाथरस के आकाश जाटव की अर्जी पर दिया है।