रोका-छेका अभियान में मवेशियों की निगरानी बेपरवाह

कोरबा 7 जुलाई। अंदाज देखकर बिलकुल ऐसा ही लगता है कि इन मवेशियों को व्यस्त हाईवे पर जाने और काफी समय बिताने से आखिर कौन रोक सकता है। नेशनल हाईवे 130 बी पर इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे है। हफ्ते भर के भीतर 40 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो गई। प्रशासन की निगरानी शुरू हो गई है लेकिन जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है वे बेपरवाह बने हुए है।

एसडीएम पोड़ी-उपरोड़ा ने हादसों के बाद नेशनल हाईवे के अंतर्गत आने वाले सभी पंचायतों के सरपंचए सचिवए कोटवार की बैठक ली। इसमें तानाखार से लेकर मोरगा मदनपुर तक के कर्मी शामिल रहे। व्यवस्था के अंतर्गत प्रशासन और पुलिस के अधिकारी सायं तक इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और रिपोर्ट आगे भेजेंगे। देखा जायेगा कि हाईवे पर किस-किस के मवेशी मौजूद है। इस आधार पर कार्रवाई की जायेगी। ऐसे मामलों में जुर्माना लगाना भी तय कर लिया गया है।

हादसों की रोकथाम और मवेशियों को मौत से बचाने के लिए रोका-छेका अभियान चल रहा है। विशेष रूप से हाईवे पर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है। वे ठीक तरह से काम नहीं कर रहे है। सरपंच और सचिव से संपर्क करने पर पर पता चला की वे बाहर है।

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