राफेल: भाजपा और कांग्रेस में फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर

नई दिल्ली 9 अप्रैल। राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर भाजपा और कांग्रेस में फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। ताजा विवाद फ्रांसीसी पोर्टल मीडियापार्ट की एक खबर को लेकर है, जिसमें राफेल सौदे में 11 लाख यूरो (मौजूदा मूल्य के हिसाब से लगभग 9.5 करोड़ रुपये) की दलाली का दावा किया गया है। कांग्रेस ने इस रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सफाई मांगी है, वहीं भाजपा ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसके पीछे फ्रांस में कॉरपोरेट लड़ाई की ओर इशारा किया। गौरतलब है कि मीडियापार्ट ने ही 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राफेल के साथ हुए ऑफशोर समझौते पर सवाल उठाते हुए रिपोर्ट छापी थी।

 कांग्रेस ने पीएम से मांगी सफाई;

मीडियापार्ट की खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांस की एंटी करप्शन एजेंसी ने दासौ के साथ हुए सौदे के बाद डेफसिस सॉल्यूशंस को राफेल के 50 मॉडल बनाने के लिए 11 लाख यूरो का भुगतान किया, लेकिन कंपनी इन मॉडल की आपूर्ति दिखाने में विफल रही। सूरजेवाला ने कहा कि दो सरकारों के बीच हुए सौदे में दलाली की रकम दिया जाना गंभीर मामला है। पीएम मोदी को इसका जवाब देना चाहिए।न्होंने कहा कि सौदे की शर्तो में साफ-साफ लिखा है कि इसमें किसी तरह के बिचौलिये की कोई भूमिका नहीं होगी। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सूरजेवाला के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए मीडियापार्ट की रिपोर्ट पर ही सवाल उठाया। रिपोर्ट के पीछे कॉरपोरेट लड़ाई की ओर इशारा करते हुए प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और सीएजी पहले ही पूरे सौदे को क्लीन चिट दे चुके हैं।

कथित बिचौलिए का संबंध कांग्रेस से

;रविशंकर प्रसाद ने बिचौलिए के रूप में डेफसिस सॉल्यूशंस और उसके मालिक सुशेन गुप्ता का नाम सामने आने को भी हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा कि सुशेन गुप्ता को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोप में 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गिरफ्तार कर चुका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद स्वीकार कर चुके हैं कि वह सुशेन गुप्ता के पूरे परिवार से परिचित हैं। यही नहीं, अगस्ता वेस्डलैंड घोटाले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का नाम भी सामने आ चुका है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राफेल को लेकर कांग्रेस लंबे समय से विवाद खड़ा करने की कोशिश करती रही है, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिली है।रविशंकर प्रसाद ने राफेल पर विवाद को देश की सुरक्षा से जोड़ते हुए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सच्चाई यही है पिछले 20 साल से देश में कोई भी युद्धक विमान नहीं खरीदा जा सका था और राफेल के आने के बाद वायुसेना की मारक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। सुरक्षाबलों के पराक्रम पर सवाल उठाने की कांग्रेस की पुरानी आदत है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के समय भी कांग्रेस ने यही किया था।

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