महाराष्ट्र: MNS का उद्धव सरकार पर हमला, पूछा- मुंबई पुलिस को 100 करोड़ तो BMC को कितने रुपए वसूलने का दिया टारगेट? पूर्व पुलिस कमिश्नर की चिठ्ठी में क्या हैं आरोप?

मुम्बई 21 मार्च। महाराष्ट्र के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh) के पत्र के बाद महाराष्ट्र सरकार पर विपक्ष आक्रामक हो गया है. बीजेपी (Bjp) के बाद अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने भी सरकार पर सवाल उठाए हैं. मनसे नेता संदीप देशपांडे (MNS Leader Sandeep Deshpande tweet) ने ट्वीट कर सरकार से सवाल पूछा है कि अगर मुंबई पुलिस को 100 करोड़ का टारगेट सरकार ने दिया है तो मुंबई महानगरपालिका को कितने पैसे वसूल करने का टारगेट है. साथ ही उन्होंने कहा कि यही वह समय है जब वीरप्पन गैंग को हमेशा के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाना चाहिए.

इससे पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे (MNS Raj Thackeray Tweet) ने भी शनिवार को ट्वीट कर परमबीर सिंह के पत्र पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने लिखा था कि परमबीर सिंह का मुख्यमंत्री को लिखा हुआ पत्र बहुत गंभीर है. ये महाराष्ट्र की प्रतिमा को कलंकित करने वाली घटना है. इसके बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख ने तुरंत अपना इस्तीफा दे देना चाहिए और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच भी होनी चाहिए.
@ Raj Thakare
Mumbai’s former Police Commissioner Param Bir Singh’s letter to the Chief Minister is explosive. This is so damaging for Maharashtra’s image.
The Home Minister, Anil Deshmukh needs to submit his resignation immediately and a thorough investigation too needs to be made.
सरकार को अब आत्म परीक्षण करना चाहिए
इस मामले में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी कहा है कि जिस तरह से सरकार पर लांछन लगाया जा रहा है उसे देखते हुए सरकार में सभी मंत्रियों के पैर जमीन पर है या नहीं यह देखने की जरूरत है. ये घटना बताती है कि सरकार को अब आत्म परीक्षण करना चाहिए. मुंबई में मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक मामले की जांच अब महाराष्ट्र सरकार तक पहुंच गई है.

परमबीर के निशाने पर देशमुख ही नहीं उद्धव भी- पढ़िए पूरी चिट्ठी

“महाराष्ट्र की राजनीति में फूटा है लेटर बम. ऐसा जो शायद ही इस देश कभी देखा-सुना हो. अभी-अभी हटाए गए मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख मुंबई पुलिस के अफसरों से उगाही कराते थे.”
अंबानी धमकी केस में गिरफ्तार इंस्पेक्टर सचिन वझे को उन्होंने 100 करोड़ हर महीने उगाही करने का टारगेट दिया था. परमबीर ने ये आरोप एक चिट्ठी में लगाए हैं, जो उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी है. चिट्ठी के सामने आते ही देशमुख ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है.

पूर्व पुलिस कमिश्नर की चिठ्ठी में क्या हैं आरोप?

पिछले कुछ महीनों में देशमुख ने सचिन वझे को कई बार अपने आवास पर बुलाया और वसूली के लिए कहा. मध्य फरवरी में भी देशमुख ने वझे को अपने घर बुलाया और उसे हर महीने 100 करोड़ वसूली का टारगेट दिया. उन्होंने ये भी बताया कि शहर में 1750 बार और रेस्टोरेंट हैं. हरेक से 2-3 लाख वसूली हो जाए तो 40-50 करोड़ हो जाएंगे. बाकी दूसरे सोर्स से जमा किया जा सकता है.
कुछ दिन बाद 4 मार्च को सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल को भी उन्होंने अपने घर बुलाया. देशमुख के पीएस ने उनसे हर महीने 40-50 करोड़ बार-रेस्टोरेंट से वसूली का टारगेट दिया. पाटिल और वझे ने मुझे अपनी परेशानी बताई थी.
गृहमंत्री की आदत रही है कि वो मुझे और सीनियर अफसरों की अनदेखी कर सीधे अफसरों को किसी जांच या वसूली के निर्देश देते हैं.
मार्च में ही मैंने आपको आपके आवास ‘वर्षा’ पर देशमुख के बर्ताव के बारे में बताया था. इससे पहले मैं ये बात डिप्टी सीएम, शरद पवार और दूसरे वरिष्ठ मंत्रियों को बता चुका हूं लेकिन मुझे ऐसा लगा कि उन्हें पहले से सब पता है
सांसद मोहन डेलकर की खुदकुशी से मौत मामले में मैं कहता रहा कि किसी साजिश की सिलसिले में जांच दादरा नगर हवेली में ही हो सकती है, लेकिन देशमुख नहीं माने. सियासी फायदे के लिए उन्होंने SIT और FIR का ऐलान कर दिया.
पुलिस फोर्स की जिम्मेदारी मेरी है, लेकिन जो काम देशमुख ने सीधे अफसरों से कराएं हैं उसकी नहीं. गृहमंत्री कह रहे हैं कि मेरी गड़बड़ियां माफ करने लायक नहीं है और मेरा तबादला प्रशासनिक वजहों से नहीं किया गया है, लेकिन मैंने कोई गड़बड़ी नहीं की है, मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है. मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

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