खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की सघन जांच से लापरवाह व्यवसायियों के होश उड़े
कोरबा । खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की सघन जांच से लापरवाह व्यवसायियों के होश उड़े हुए हैं । पिछले कुछ समय से चल रहे सतत अभियान के तहत फिर हुई जांच कार्रवाई के दौरान कई दुकानों में सैम्पल लिए गए ।एक जूस सेंटर में गन्ना रस को ठंडा करने नीली बर्फ मिलाई जा रही थी। गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद अफसरों ने नीली बर्फ और उससे ठंडा किए गए गन्ना रस को फेंकवाया।खाद्य पदार्थों में मिलावट तो नहीं हो रही, इसकी जांच करने प्रदेश की राजधानी से मोबाइल वैन पहुंची है। जो तीन दिन तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जांच कर त्वरित रिपोर्ट उपलब्ध कराएगा। जांच कार्रवाई के पहले दिन पुराना बस स्टैंड से लेकर सीतामढ़ी स्थित दुकानों से गन्ना जूस, नीला बर्फ, न्यू मधु स्वीट्स से लस्सी, दही, आइस्क्रीम सहित लोकल स्तर पर चाकलेट कैंडी व बिस्किट की गुणवत्ता परखने सैंपल लिया गया। जांच दल में शामिल फूड सेफ्टी ऑफिसर आरआर देवांगन ने बताया कि मोबाइल वैन से तीन दिन तक जिले में संचालित दुकानों से खाद्य सामग्रियों का नमूना लेकर जांच की जाएगी। पहले दिन शहर के दर्जनों दुकान से सामानों का सैंपल लिया गया। मोबाइल वैन से जांच रिपोर्ट तुरंत मिल जाती है। खाद्य सामग्रियों की रिपोर्ट में कमियां पाए जाने पर पहली दफा संचालक को गुणवत्ता सुधारने समझाइश दिया जा रहा। इसके बाद भी कोई सुधार नहीं होने पर संबंधित संचालक के विरुद्ध फूड सेफ्टी अधिनियम के तहत्? उचित कार्रवाई की जाएगी। नीले रंग की अखाद्य बर्फ को जूस में मिलाकर आम जनता को परोसे जाने को लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी विकास भगत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बीते दिनों विभाग ने बर्फ फैक्ट्री में विशेष अभियान चलाकर खाद्य व अखाद्य बर्फ की पहचान के लिए नीला रंग का प्रयोग करने पर चेतावनी दी थी। सभी जगह प्रचार-प्रसार के बाद भी जूस सेंटर में नीला रंग का अखाद्य बर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं। संचालक पेय पदार्थ में ठंडकता लाने के लिए नीला बर्फ का उपयोग कर रहा था। खाद्य लाइसेंस की श्रेणी से बाहर आने वाले नीला बर्फ का नमूना लेकर नष्ट कराया गया। इस तरह दुकान में अमानक बर्फ को जूस में मिलाकर जनता की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा। ऐसे मामलों में विभाग को विज्ञापन व होर्डिंग्स के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने का ठोस प्रयास करना चाहिए।
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