कोरबा जेल में रची साजिश और रायगढ़ में दिया लूट को अंजाम, पकड़े गए 4 आरोपी

रायगढ़ 14 मार्च। रायगढ़ में कैशियर को लूटने की प्लानिंग कोरबा जेल में तैयार हुई थी।अलग- अलग मामलों में जेल में पहुंचे आरोपियों ने कैशियर से 10-15 लाख लूटने की योजना बनायी थी, लेकिन नोट से भरा बैग जानकर जिसे लूटेरों ने लूटा था, वो खाली निकला। रायगढ़ पुलिस ने 14 दिन में इस मामले में 4 लूटेरों को धर दबोचा है।

दरअसल 1 मार्च को खम्हार ग्रामीण बैंक के कैशियर विनोद लकड़ा को गोली मारकर छह बाइक सवारों ने बैग लूट लिया था। लूटेरों को भरोसा था कि ये बैग नोटों से भरा है, लेकिन बैग खाली था, जिसमें सिर्फ पासबुक और कैशियर का लंच बॉक्स था।

लूट की वारदात के दौरान लूटेरों ने दो राउंड फायरिंग भी की थी, जिसमें एक गोली कैशियर को कंधे में लगी थी। धरमजयगढ़ पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अप.क्र. 42/2021 धारा 394,307 भादवि 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। वारदात की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण की मानिटरिंग खुद एसपी संतोष सिंह ने की। एसपी के निर्देश पर धरमजयगढ़ से कापू, लैलूंगा, अम्बिकापुर, पत्थलगांव, कोरबा, जशपुर और गुमला, रांची मार्ग में पड़ने वाले हॉटल, ढाबा, पेट्रोल पम्प में लगे सैकड़ो CCTV फुटेज खंगाले गये तथा अज्ञात आरोपियों द्वारा पल्सर बाइक उपयोग किये जाने को लेकर रायगढ़, धरमजयगढ़, कोरबा, जशपुर के पल्सर बाइकर्स की सघन जांच पतासाजी किया गया परन्तु इसमें भी अज्ञात आरोपियों का कोई सुराग नहीं मिला ।

इसी दरम्यान धरमजयगढ़ पुलिस को सजायाफ्ता आरोपी अंजुलस एक्का और संदीप राठिया की धरमजयगढ़ एवं आसपास देखे जाने की सूचना मिली। कोरबा के रहने वाले दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ में 4 अन्य साथी कल्याण खाखा (झारखंड), करन दास महंत ग्राम बांसाझार छाल तथा अंजुलस एक्का का भाई लाजरूस एक्का और अंजुलस का जीजा अनिल तिर्की का नाम सामने आया। जिसमें करनदास महंत और लाजरूस एक्का को भी हिरासत में लिया गया। जबकि, कल्याण खाखा झारखंड और अनिल तिर्की निवासी लेमरू कोरबा फरार है ।

अंजुलस एक्का वर्ष 2016 में कोरबा के डॉक्टर मेहता के मर्डर केस में 4 साल तक जिला कोरबा जेल में सजायाफ्ता था । कोरबा जेल में ही कुख्यात अपराधी रविवादी निवासी नकना धर्मजयगढ़ का मर्डर केस में बंद था। जानकारी मिली है कि रविवादी जेल से ही अपना क्राइम नेटवर्क चलाता है, उसने ही अंजुलस एक्का को ग्रामीण बैंक खम्हार के कैशियर सुनसान इलाके में अकेले मोटरसाइकिल से 10-15 लाख रूपये लेकर आना-जाना करने की जानकारी दिया था जिसे लूटने में ज्यादा जोखिम ना होना बताया था । 2018 में संदीप जेल से छूटा और 2019 में अंजुलस जेल से छूटा था । दोनों के बीच मोबाइल से बातचीत होती थी ।

दोनों मिलकर जून 2020 को छाल से एक पल्सर बाइक चोरी की, इस चोरी की बाइक के साथ रामपुर पुलिस ने दोनों गिरफ्तार कर जेल भेजा। जेल में ही अंजुलस, संदीप को रविवादी ने ग्रामीण बैंक के कैशियर 10 से 15 लाख रूपये लूटने की बात बतायी और प्लानिंग तैयार की। दिसम्बर 2020 में संदीप राठिया जेल से छूटा उसके पहले अंजुलस रिहा हो चुका था, दोनों मोबाइल पर बातचीत कर कैशियर को लूटने के अपने प्लान पर 22 और 23 फरवरी 2021 को धर्मजयगढ़ और खम्हार बैंक की रैकी की। प्लान के मुताबिक 1 मार्च सुबह 7:00 बजे तीन बाइक में छ: आरोपी लूट के इरादे से निकले । अंजुलस सफेद काले रंग की बिना नंबर प्लेट पल्सर बाइक में था उसके साथ पीछे कल्याण बैठा था, कल्याण एक देसी कट्टा जिसमें एक राउंड लोड कर रखा था । सीडी डीलक्स लाल रंग की बिना नंबर में करन दास महंत और संदीप बैठे थे, करन बाइक चला रहा था संदीप पीछे पिस्टल लेकर बैठा हुआ था । पैशन प्रो सफेद रंग की बिना नंबर में लाजरुस और अनिल तिर्की थे । लाजरूस बाइक चला रहा था, सभी मुंह में गमछा बांधे हुए थे । योजना के मुताबिक सभी सुबह करीब 8:30 बजे धर्मजयगढ़ पहुंच गए । संदीप और करन दारु भट्टी के पास कैशियर विनोद लकड़ा का इंतजार करने लगे, अंजुलस एक्का और कल्याण दारु भट्टी के 1 किलोमीटर आगे थे । बैंक कैशियर करीब 9:45 बजे दारू भट्टी के पास आते दिखा जिसे बाइक का नंबर व कलर से पहचान लिए जिसके बाद संदीप और करन उसका पीछा करने लगे 1 किलोमीटर आगे से अंजुलस अपनी बाइक को बैंक कैशियर के पीछे चलाने लगा । दर्राघाटा के आगे मिरीगुड़ा के पास संदीप पिस्टल से कैशियर को गोली मारा उसे गोली नहीं लगी । तब कल्याण कैशियर को जान से मारने के लिए पीछे से देशी कट्टे से गोली चलाया जो कैशियर के दाहिने कंधे में लगा । कैशियर के गिरने पर संदीप बाइक से उतर कर पिस्टल दिखाकर कैशियर के बैग को लूट कर भागे । बैग लूटने के बाद मिरीगुड़ा पुलिया के पास से कच्ची रास्ता से दर्रापारा, जमरगीडीह, जबगा, बोरो , ढिंगरीमार, बसेन, पसेर खेत, बताती गए । बताती में बैग को खोल कर देखें बैग में रुपए नहीं था, तीन पासबुक कैशियर का आधार कार्ड और एक टिफिन बॉक्स था, टिफिन में रखे दाल, मूली की सब्जी और रोटी को ये लोग खाए । बैग में रखे 2 हजार रूपये एवं बैग को कपड़ा रखने का काम आएगा कह कर अंजुलस अपने पास रख लिया और करनदास महंत बैंक पासबुक, आधार कार्ड और टिफिन को वहीं बताती जंगल में फेंक दिया था । (पासबुक, आधार कार्ड को आरोपी करन महंत के मेमोरंडम पर विवेचना दरम्यान जप्ती की गई है)।

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