भाजयुमो नेता अमित टमकोरिया ने प्रदेश वासियों को गणतंत्र दिवस की दी बधाई.. कविता “आजादी” के माध्यम से भावी पीढ़ी को दिया संदेश

अमित टमकोरिया।

26 जनवरी 2021। आज गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर समग्र राष्ट्र को नमन करते हुए उन्हें गणतंत्र दिवस की कोटि-कोटि शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं…

मित्रों आज देश का 72 वां गणतंत्र दिवस है एक बड़ी तपस्या त्याग और बलिदान के बाद इस मातृभूमि ने आजादी की सुबह देखी ही थी, की रात के अंधेरे में समग्र भारत फिर एक बार टुकड़ों में विभाजित हो गया था. व्यथित मन से नए भारत के संकल्प के साथ, आजादी की प्रभात फेरी निकली थी. इस वीर भोग्या वसुंधरा पर कई हुतात्माओं ने अपना बलिदान हंसते-हंसते दे दिया था.

आज सम्यक आजादी के 72 वर्षों बाद टूटे हुए सपनों की सिसकी और जो संकल्प हमने लिया था उसकी अंतर व्यथा आज भी हमारे मन मे है ! कई सवाल आज भी अनुत्तरित है.

आजादी —

करेंसी पर बापू की फोटो, लाल किले पर तिरंगा,

सड़क पर भारत माता की जय और स्कूलों में विंध्य हिमाचल यमुना गंगा

क्या सिर्फ इतनी आजादी काफी है… ??

क्या सिर्फ, इतनी सी आजादी के लिए वह जनेऊधारी ब्रिटिश बाग में कंपनी फौज से लड़ गया था…और वह 23 साल का सरदार ” रंग दे बसंती गाकर फांसी चढ़ गया था ?

क्या सिर्फ डेढ़ गज कपड़े के लिए नेताजी में हिटलर को आंख दिखाई थी…? क्या गिरफ्तारी के डर से आजाद ने कनपट्टी पर गोली खाई थी ?

आजादी वो है … जब पैरों को छालो का डर ना रहे… और सच को सवालों का !

आजादी वो है… जब ना शब्दों के दरख्त फलने से डरे… और ना टूटी हुई चप्पल डिजाइनर जूतों के साथ चलने से!

आजादी वो है… जब झुके हुए सरो का मुकद्दर बदल जाए… और झोपड़ों के दिल से हवेलियों का डर निकल जाए !

आजादी वो है… जब हौसले की चिड़िया बाधाओं का पिंजरा तोड़ दे…और ‘ क ख ग’ ‘A B C ‘ से डरना छोड़ दे !

आजादी वो है… जब अमन के गीत गाते हुए गले से लहू ना आए… और अमरूदों के मौसम में बारूद की ” बु ” ना आए !

बेखौफ जीना हमारा हक है और यह हक बुनियादी है… इसलिए घबराओ मत, बढ़ते रहो…बस अगले मोड़ पर, थोड़ा सा आगे.. “आजादी ” है ! आजादी है !!

साम्यवाद, वंशवाद, राजतंत्र के बाद लोकतंत्र की विजय हुई है. गणतंत्र हमें सम्यक अधिकारों के साथ जीवन जीने का हक और न्याय प्रदान करता है. यह भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है कि विश्व का सबसे सुंदर संविधान हमारा है, जो गरीबों को, हर शोषित को, हर पीड़ित को समानता का और न्याय का अधिकार देता है. स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, उत्तिष्ठ भारत की परिकल्पना के साथ अपने कार्य क्षेत्र में राष्ट्र को गौरवान्वित करूंगा, इस संकल्प इस विश्वास के साथ हमें आगे बढ़ना होगा और नया भारत प्रतिस्थापित करना होगा.

मैं समस्त शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते, देश की सेना को नमन करते हुए, देश की भावी पीढ़ी से अजर- अमर गणतंत्र का आह्वान करता हूं।

जय हिंद… जय भारत…जय छत्तीसगढ़…

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