एसईसीएल निर्धारित कोयला उत्पादन से पीछे


कोरबा 7 जनवरी। एसईसीएल को चालू वित्तीय वर्ष समाप्त होने के तीन माह में 91 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना होगा। एसईसीएल ने बीते हुए वित्तीय वर्ष के 9 माह में 91 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है, जबकि उसे वित्तीय वर्ष के समाप्ति तक 183 मिलियन टन कोयला उत्पादित करना होगा अर्थात एसईसीएल अपने कुल उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रही है।
एसईसीएल ने 9 माह में जितना कोयला उत्पादन किया है उतना ही कोयला तीन माह में निकलना पड़ेगा कोयला मंत्रालय ने एसईसीएल को देश में सर्वाधिक 183 मिलयन टन वित्तीय वर्ष नौ माह समाप्त हो चुकी है। इस अवधि में एसईसीएल ने कुल 92 मिलयन टन कोयले का उत्पादन किया है। बीते वर्ष समाप्त होने में तीन माह शेष है इस अवधि में एसईसीएल को 91 मिलयन टन कोयला उत्पादन करना होगा। एसईसीएल को देश में सर्वाधिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। एसईसीएल लॉकडाउन भारी बारिश और ’नये विस्तार खदानों के जमीन नहीं मिलना है’ इसके अलावा आउट सोसर्सिंग कंपनियों का कार्य बेहतर नहीं होने से इसका खामियाजा एसईसीएल को भोगना पड़ा है।
बताया जाता है कि एसईसीएल का सर्वाधिक कोयला उत्पादन गेवरा दीपका व कुसमुंडा खदान से उत्पादन किया जाता है इन तीनों क्षेत्रों में अपने लक्ष्य को पूरा नहीं किया है। गेवरा को सालाना कोयला उत्पादन टारगेट 49 मिलयन टन का लक्ष्य दिया गया है लेकिन यह एरिया दस मिलयन टन भी अधिक उत्पादन से पीछे चल रही है, 31 दिसम्बर 2020 तक गेवरा को 10 मिलयन टन कोयला उत्पादन हुआ है इसी तरह से दीपका खदान व कुसमुंडा भी अपने निर्धारित कोयला उत्पादन से काफ ी पीछे चल रही है

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