कोयला डिपो में छापा, बिलासपुर में खप रहा था कोरबा का कोयला
न्यूज एक्शन। बिलासपुर अंतर्गत हिर्री क्षेत्र के मोहदा स्थित ओमी सेल्स कार्पोरेशन कोल डिपो में विभिन्न कंपनियों व संयंत्रों के लिए निकला कोयला खपाया जा रहा था। यहां से उच्च गुणवत्ता वाले कोयला के बदले मिलावट कर कोयले को संबंधित कंपनियों को भेज दिया जाता था। कोरबा की खदानों से निकला कोयला भी इसी डिपो में खप रहा था। जिस पर बिलासपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डिपो संचालक को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई के बाद इस काले धंधे से जुड़े कोरबा के लोगों पर भी कार्रवाई का फंदा कसने की संभावना है।
बिलासपुर के हिर्री पुलिस के अनुसार दुर्ग जिले के नंदनी निवासी सुबेराज यादव पिता हरदेव यादव (47) हीरा ग्रुप के रायपुर सिलतरा स्थित गोदावरी पावर एंड इस्पात कंपनी में सुरक्षा अधिकारी है। कंपनी ने कोयले की अफरा-तफरी की जानकारी जुटाने के लिए उनके नेतृत्व में पेट्रोलिंग टीम बनाई है। पेट्रोलिंग कर्मचारी अनिल यादव ने सूचना दी कि कोरबा के कुसमुंडा स्थित कोयला खदान से कोयला लेकर निकले दो ट्रक क्रमांक सीजी सीजी-04/9322 व सीजी 12 एयू 3542 के चालक मिलकर मोहदा स्थित मेसर्स ओमी सेल्स कार्पोरेशन कोल डिपो में कोयले में मिलावट कर रहे हैं। इस सूचना पर सुबेराज व कंपनी के मैनजर आरसी पुरोहित मोहदा स्थित कोल डिपो पहुंचे। यहां टीम को देखकर डिपो के कर्मचारी भाग निकले। वहीं मुंशी मुकेशदास महंत को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसने पूछताछ में डिपो संचालक विजय सिंह व आमिर के कहने पर कोयले में मिलावट करना बताया। उन्होंने इस घटना की सूचना 112 के माध्यम से पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंच गई और मुंशी को पकड़ लिया। सुबेराज की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज किया गया। साथ ही जांजगीर-चांपा जिले के बाराद्वार क्षेत्र के भागोडीह निवासी मुंशी मुकेशदास महंत पिता मैनूदास को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। डिपो में मिले दस्तावेजों की जांच के बाद पता चला कि मध्यप्रदेश के शहडोल के बुढ़ार निवासी गुलजार अली पिता असरफ अली डिपो का मुख्य संचालक है और वह अपने पार्टनर विजय सिंह समेत अन्य के साथ मिलकर कोयले का कारोबार करता था। इसकी आड़ में कोयले में मिलावट का खेल भी किया जाता था। पुलिस ने इस मामले उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं उसके पार्टनर विजय सिंह सहित अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
खाकी के संरक्षण में हो रही कोयला चोरी
कोयलाचंल के रेकी, सुराकछार और बांकी मोंगरा में कोयला की लगातार चोरी हो रही है। प्रतिदिन दो से चार ट्रक कोयला चोरी कर उसे पड़ोसी जिलों में भेजा जा रहा है। काले हीरे की इस चोरी में खाकी के दामन पर भी दाग लग रहे है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पुलिस के कुछ आलाधिकारियों से सांठगांठ कर इस धंधे को संचालित किया जा रहा है। चर्चा तो इस बात की भी है कि कोयलांचल क्षेत्र के एक आला अफसर की सेंटिग के बलबूते पर बिलासपुर का तस्कर जिले के इन तीन क्षेत्रों से कोयला चोरी कर उसे औने पौने दामों में बेच रहा है। अधिकारी कोरबा से लेकर बिलासपुर तक सेंटिग होने का दंभ भर रहा है। कोयला तस्करी से जुड़े इस गिरोह पर खाकी का वरदहस्त होने की चर्चा बनी हुई है। चर्चाओं में दम नजर आ रहा है क्योंकि रोजाना इस क्षेत्र से कोयला की चोरी हो रही है और पुलिस कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। अब देखने वाली बात होगी कि नदियां के पार से जो खाकी पर दाग लग रहा है उसे नदिया के इस पार बैठे अफसर मिटाने का कार्य करते है या फिर लीपापोती कर मामले को दबा दिया जाता है। जैसा अब तक होता आया है।
माकपा नेता का कोयला मंत्री को खुला खत
माकपा के जिला सचिव संपूरन कुलदीप ने कोयला एवं ऊर्जा रेल मंत्री पीयूष गोयल को खुला खत लिखकर बांकी मोंगरा क्षेत्र से कोयला चोरी पर अंकुश लगाने और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। अपने खुले खत मे उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य की उर्जाधानी कहे जाने वाले कोरबा जिले की सबसे पुरानी खदान सुराकछार जो एस ई सी एल कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत आती है । इन दिनों कोयला माफियाओं से आतंकित है । खुलेआम चोरो के द्वारा कर्मचारियों को धमका कर कोयला चोरी कर ले जाया जा रहा है और यहाँ के स्थानीय प्रबंधन द्वारा पुलिस प्रशासन से सुरक्षा मांगे जाने पर सहयोग नहीं मिल रहा है जो चिंता का विषय है । आपको इस सबंध में बड़े ही दु:ख के साथ अवगत कराना चाहता हूँ कि यहाँ के महाप्रबंधक सहित सभी अधिकारी और सुरक्षा विभाग सहित अन्य कर्मचारी रात्रि जागरण कर कोयला स्टाक की रखवाली करने को मजबूर हैं। प्रदेश और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है किन्तु सरकारी/सार्वजनिक संस्थान होने के बावजूद सरकार के प्रशासन की ओर से मदद नहीं किया जाना निंदनीय है तथा इसका उच्च स्तर पर जाँच होना भी चाहिए ।