ब्रेकिंग: वार्ता के लिए सरकार तैयार, लेकिन नक्सल हिंसा पर कोई समझौता नहीं: उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा

रायपुर 2 अप्रैल 2025।नक्सल वादियों के संघर्ष विराम के प्रस्ताव के जवाब में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने साफ किया है कि नक्सलियों से बातचीत के लिए राज्य सरकार तैयार है, परन्तु हिंसा के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। नक्सली आत्म समर्पण करते हैं तो उनको पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा।

बुधवार को यहां मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान को लेकर सरकार पूरी गंभीरता से प्रयासरत है। उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार की सार्थक वार्ता के लिए तैयार है, बशर्ते कि इसके लिए कोई शर्त न हो। उन्होंने कहा कि यदि नक्सली वास्तव में मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं और बातचीत के लिए इच्छुक हैं, तो उन्हें अपने प्रतिनिधि और वार्ता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना होगा।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि वार्ता का स्वरूप किसी कट्टरपंथी विचारधारा की तर्ज पर नहीं हो सकता। यदि कोई चर्चा करना चाहता है, तो उसे भारतीय संविधान की मान्यता स्वीकार करनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर संविधान को नकारते हैं और समानांतर व्यवस्था थोपने की कोशिश करते हैं, तो वार्ता का कोई औचित्य नहीं रहता।

सरकार की नीति स्पष्ट: आत्मसमर्पण करें, पुनर्वास योजना का लाभ पाएं

उपमुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक की सबसे बेहतर पुनर्वास नीति लागू की है। जो भी नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, उन्हें इस नीति के तहत सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। सरकार चाहती है कि जो लोग भटके हुए हैं, वे समाज में वापस आएं और एक व्यवस्थित जीवन जीएं।

संविधान का हर गांव में क्रियान्वयन

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बीते 1 से डेढ़ वर्षों में 40 गांवों में पहली बार तिरंगा फहराया गया है, जहां पहले तक नक्सली कानून थोपने की कोशिश करते थे। उन्होंने कहा कि अब राज्य के सभी गांवों में तिरंगा लहराना और भारतीय संविधान का पालन करना अनिवार्य है।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यदि नक्सली वार्ता को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें अपनी ओर से वार्ता के लिए समिति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी 10 से अधिक बार वार्ता के लिए पहल की, लेकिन नक्सली ही पीछे हटते रहे। अब यदि वे बातचीत करना चाहते हैं, तो उन्हें स्पष्ट प्रस्ताव के साथ आगे आना होगा। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार का रुख साफ है – बातचीत के दरवाजे खुले हैं, लेकिन हिंसा और खूनखराबे पर कोई समझौता नहीं होगा। नक्सलियों को हथियार छोड़कर आत्म समर्पण करना होगा, तभी कोई सार्थक समाधान संभव है।

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