DMF के दुरुपयोग की कमिश्नर बिलासपुर करेंगे जांच, छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने की है शिकायत

कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में जिला खनिज संस्थान न्यास ( डी एम एफ ) फंड के दुरुपयोग को लेकर पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की शिकायत पर केंद्र सरकार ने संज्ञान लेते हुए जांच की पहल की है। प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार नई दिल्ली एवं खान मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली दोनों केंद्रीय कार्यालय से प्राप्त अलग-अलग शिकायत पत्र पर जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि का दुरुपयोग करने संबंधी प्रकरण पर कार्यवाही करने का निर्देश जारी किया गया है। केंद्रीय मंत्रालयों के प्राप्त निर्देश के परिपालन में संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ शासन ने आयुक्त बिलासपुर संभाग को प्रकरण की नियमानुसार परीक्षण कराकर जांच प्रतिवेदन अभिमत समेत मांगा है। जिससे आने वाले समय में कोरबा जिले में डीएमएफ फंड का दुरुपयोग करने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

पूर्व गृह मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कोयला एवं खनिज मंत्री जी. किशन रेड्डी व अंतर सिंह आर्य केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को शिकायत पत्र देते हुए मांग की गई थी कि कोरबा में जिला खनिज संस्थान न्यास मद की राशि का दुरुपयोग कर नियम विरुद्ध राशि का व्यय कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उनका आरोप है कि सोनालिका पुल के पास बनने वाले अंडर ब्रिज में 80 करोड़ रुपए का आबंटन कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान कोरबा के द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से किया गया है। SECL के कोयला चोरी भी अधिकारियों की मिलीभगत से कोरबा जिले में दीपका, कुसमुण्डा, गेवरा, सरायपाली, मानिकपुर, एसईसीएल कंपनी से किया जा रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन कोरबा के प्रशासनिक अधिकारी के मिली भगत से कोयले की लाखों टन की गड़बड़ी व प्रत्येक टन कोयला ट्रांसपोर्टिंग के पीछे कमीशन खोरी कोरबा जिला में जोरों से चल रही है। इसकी जांच के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार, कोयला मंत्री कार्यालय भारत सरकार सहित केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के द्वारा ननकी राम कंवर के शिकायत पत्रों को संज्ञान में लेते हुए अलग-अलग जांच हेतु नोटिस जारी किया गया है। एसईसीएल के सभी कोयला खदान के जीएम व कलेक्टर कोरबा को पार्टी बनाते हुए केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है।