लेमरू पीएचसी में पहुंचा संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 200

कोरबा 25 मार्च। कोरबा जिलान्तर्गत शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू के स्वास्थ्य कर्मियों वित्तीय वर्ष पूर्ण होने के पहले ही 200 संस्थागत प्रसव के लक्ष्य को पूरा कर लिया हैं। सीमित संसाधन के भरोसे ही सही, पर इस सफलता के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू संभवतः जिले का यह पहला पीएचसी हैं, जहां प्रसव का आंकड़ा 200 तक जा पहुंचा। रविवार की शाम ग्राम रपता निवासी 22 वर्षीय यशोदा के सुरक्षित प्रसव के साथ ही 200 संस्थागत प्रसव का आंकड़ा छू लिया गया। लेमरू पीएचसी के स्थापना काल से अब तक यह पहली बार हुआ है।
कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर बीहड़ इलाके में ग्राम लेमरू बसा हुआ है। आदिवासी बाहुल्य इस गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है, ताकि क्षेत्रवासियों को बेहतर उपचार सुविधा मुहैया कराई जा सके। लेमरू सेक्टर में लगभग दो दर्जन ग्राम शामिल हैं, जिसकी आबादी 16 हजार से अधिक है। इतनी बड़ी आबादी को उपचार की सुविधा उपलब्ध कराना आसान नहीं है। यह अपने आप में ही चुनौती है, जिसे अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक सीमित कर्मचारियो के साथ बखूबी पूरा कर रहे हैं। चिकित्सालय में न सिर्फ मरीजों का उपचार किया जा रहा हैं, बल्कि शासन द्वारा चलाए जाने वाले योजनाओं का भी बेहतर ढंग से क्रियावंयन किया जा रहा है।
कायाकल्प योजना से अपनी पहचान बना चुके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है। दरअसल शासन द्वारा संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने हर संभव प्रयास किया जा रहा है। शासन के मंशानुरूप लक्ष्य को पूरा करने विभागीय अधिकारी भी समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करते हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्य खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक राज ने संस्थागत प्रसव के संबंध में बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में सेक्टर प्रभारी डॉ. बी.डी. नायक भी उपस्थित थे। उन्होंने बीएमओ के समक्ष 200 से अधिक संस्थागत प्रसव कराने का संकल्प लिया था। उनके इस संकल्प को पूरा करने में चिकित्साधिकारी डॉ. विवेक कुमार पटेल, लेबर रूम प्रभारी डॉ. आर.बी. गौतम, आरएमए डॉ. एल.आर. गौतम, डॉ. मनीष कर्ष के अलावा नर्सिंग अधिकारी मंजूरानी और रूपा पटेल ने पूरी ईमानदारी व टीम भावना के साथ कड़ी मेहनत शुरू कर दी। परिणामस्वरूप ग्राम रपता निवासी 22 वर्षीय यशोदा का सुरक्षित प्रसव के साथ ही 200 संस्थागत प्रसव का आंकड़ा छू लिया गया। संभवतः लेमरू पीएचसी के स्थापना काल से अब तक यह पहली बार हुआ है। जिले में संचालित 35 पीएचसी में सर्वाधिक प्रसव कराने की उपलब्धि भी हो सकती है।