नगर निगम कोरबा में महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित, दावेदार मायूस
अब नए समीकरणों को लेकर उठापटक
कोरबा 07 जनवरी। 10 वर्ष के बाद एक बार फिर नगर निगम कोरबा में महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। राजधानी रायपुर में निकायों के प्रमुख पदों के रिजर्वेशन की प्रक्रिया आज लॉटरी के जरिए सुनिश्चित हुई। इसके साथ तय हो गया कि कोरबा नगर निगम में राजनीतिक दलों और अन्य स्तर पर महापौर पद के लिए महिलाएं चुनाव समर में उतर सकेंगे। जबकि इस घोषणा से खासतौर पर प्रमुख राजनीतिक दलों के उन पुरुष कार्यकर्ताओं को मायूस होना पड़ा है जो काफी समय से तैयारी में लगे हुए थे।
छत्तीसगढ़ के बड़े म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में कोरबा की गिनती होती है जिसका बजट 1000 करोड़ से ज्यादा का है और संभावित है कि वित्त वर्ष 2025 -26 में इसका आंकड़ा और ऊपर जाएगा। सार्वजनिक उपक्रमों की उपस्थिति और बड़े हिस्से में सरकारी और गैर सरकारी आवासीय परिसरों की स्थापना के अलावा अन्य इकाइयों से म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को वित्तीय सहायता प्राप्त होती है जो उसे इस मामले में मजबूत करती है। केंद्र और प्रदेश की योजनाओं के कारण भी निकायों को सशक्तिकरण का अवसर प्राप्त होता है और निश्चित रूप से कोरबा कॉरपोरेशन को इससे फायदा मिलता है। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को 1999 में भंग करने के बाद कोरबा में नगर पालिका निगम की स्थापना की गई। यहां पर प्रथम महापौर बनने का गौरव भारतीय जनता पार्टी की श्याम कंवर को मिला।
भाजपा के शासनकाल में ही कोरबा निगम में महापौर का पद महिला के लिए सामान्य किया गया तब कांग्रेस की रेनू अग्रवाल दूसरी महिला महापौर निर्वाचित हुई। यह दोनों ऐसे मौके थे जब महापौर के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए थे। सबसे दिलचस्प बात यह है कि अब जब तीसरी बार निगम में महापौर का पद महिला सामान्य के लिए आरक्षित किया गया है तब भी छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने इन निर्वाचन को प्रत्यक्ष प्रणाली से करना तय किया है। सरकार के द्वारा इस मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के उसे निर्णय को रद्द कर दिया गया जिसमें पिछले वर्ष में निकायों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए गए थे।
निकाय के महापौर और अध्यक्ष पद के रिजर्वेशन की प्रक्रिया बार-बार बाधित हो रही थी। 7 जनवरी के लिए टाल दिया गया था जो आखिरकार आज संपन्न हो गई। लॉटरी के अंतर्गत जहां नगर निगम कोरबा में महापौर का पद सामान्य महिला के खाते में गया है वहीं नगर पालिका परिषद कटघोरा नगर पालिका परिषद बाकी मोगरा नगर पालिका परिषद दीपिका के अध्यक्ष पद के खाते में गए हैं। नगर पंचायत पाली व छोरी कला में अध्यक्ष पद रिजर्व हुआ है।
आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ अब संबंधित स्थान से चुनाव को लेकर कार्यकर्ता सकरी हो गए हैं। जिन स्थानों पर संभावना के अंतर्गत आरक्षण हुआ है वहां तो कोई बात नहीं लेकिन दूसरी जगह पर अब नए सिरे से कार्यकर्ताओं की तलाश की जा रही है ताकि उन्हें अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा जा सके। लेकिन इन सबके बीच सबसे अधिक मायूसी उन कार्यकर्ताओं को हुई है जो अपने हिसाब से आकलन करते हुए चुनाव लडने की मानसिकता बन चुके थे और कुछ स्तर पर टिकट का जुगाड़ करने के लिए एक्टिव हो गए थे।