कोरबा 05 जनवरी। पुलिस द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के बारे में प्रचार-प्रसार से संबंधित भाषण-वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन रक्षित आरक्षी केंद्र कोरबा में आयोजन किया गया।

पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी (भापुसे) की मंशा है कि नवीन कानूनो का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो जिससे जनमानस को ज्यादा से ज्यादा जानकारी हो जाये। इस अवसर पर रक्षित केंद्र के सभा कक्षा में मानसिंह यादव (लीगल डिफेंस लॉयर) एवं श्रीमती नीलू त्रिवेदी (डिप्टी चीफ लीगल डिफेंस लॉयर) के द्वारा नवीन कानून के बारे में विस्तार से बताया एवं समझाया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान व श्रीमती नेहा वर्मा, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्रीमती प्रतिभा मरकाम, रक्षित निरीक्षक अनथ राम पैकरा के साथ-साथ गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के अध्यापक डॉक्टर दिनेश श्रीवास्तव (सहायक प्राध्यापक हिंदी), सदा कन्या स्कूल ट्रांसपोर्ट नगर के अध्यापक श्रीमती इंदू चंद्रवंशी वह श्रीमती शारदा राठौर उपस्थित रहे। साथ ही साथ पुलिस लाइन के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी इस कार्यशाला मैं उपस्थित रहे।रक्षित केंद्र कोरबा के सभागार कक्ष में छात्र एवं छात्राओं के द्वारा भाषण वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के चार छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया साडा कन्या स्कूल ट्रांसपोर्ट नगर के दो छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया एवं रक्षित केंद्र कॉलोनी कोरबा में रहने वाले तीन बच्चों ने इस वाद विवाद पर प्रतियोगिता में बढ़-चढकर हिस्सा लिया।

पूरे कार्यक्रम में साडा कन्या स्कूल ट्रांसपोर्ट नगर के 25 छात्र-छात्राओं उपस्थित रहे, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के 04 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे एवं रक्षित केंद्र कॉलोनी में रहने वाले 09 बच्चों ने भी इस कार्यशाला में उपस्थित रहकर नवीन कानून के बारे में जानकारी प्राप्त किया। ज्ञात हो कि 1 जुलाई से नये कानून लागू हो चुके हैं इसलिए इसके बारे में व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। लागू हुए नए कानून देश की न्याय व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाएंगे। भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार करना है, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ सुरक्षा उपायों को भी सुनिश्चित करती है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले साक्ष्यों की मान्यता और प्रामाणिकता से संबंधित है।

Spread the word