रोजगार के लिए नराइबोध के ग्रामीण 30 नवंबर तक करेंगे आंदोलन
कोरबा 23 नवम्बर। सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजना गेवरा माइंस से प्रभावित ग्राम नराइबोध के मूल निवासियो ने कई माह से वैकल्पिक रोजगार के लिए भटकने का आरोप लगाया हैं । बताया जा रहा हैं की इनके द्वारा आंदोलन करते सालों गुजर गए किन्तु सुनवाई नहीं हो रही है। इस संबंध में वैकल्पिक रोजगार और पानी समस्या के संपूर्ण समाधान के लिए 17 नवंबर से 30 नवंबर तक हड़ताल किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार प्रभावितों ने गेवरा क्षेत्र के महाप्रबंधक को अवगत कराया है कि वैकल्पिक रोजगार हेतु अनेकों बार आश्वासन देने के पश्चात भी अभी तक वैकल्पिक रोजगार की कोई भी प्रत्यक्ष व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण ग्राम के मूल निवासी रोजगार हेतु दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। गेवरा प्रोजेक्ट जीएम द्वारा ग्रामवासियों को आश्वासन देकर कई माह से रोजगार हेतु घुमाया जा रहा है, किंतु रोजगार प्रदान नहीं किया गया है। इस कारण वे हड़ताल करने मजबूर हैं। उनका कहना है कि जब हड़ताल की जाती है तभी अधिकारी उनकी ओर ध्यान देते हैं। अन्यथा उन्हें हर तरह से नजर अंदाज किया जाता है। कहा गया है कि जब तक रोजगार प्रदान नहीं किया जाएगा तब तक ग्रामवासी सुबह 6 बजे से लगातार माह के अंतिम तारीख 30 नवंबर तक हर दिन हड़ताल पर संपूर्ण गेवरा खदान बंद करके बैठेंगे जो कि शांति प्रिय ढंग से दो जगह पर किया जाएगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी एसईसीएल प्रोजेक्ट जीएम, महाप्रबंधक और जिला शासन प्रशासन की होगी।