शताब्दी वर्ष में आरएसएस का शाखा सुदृढीकरण पर जोर

20 शाखाओं के 650 स्वयंसेवक आयोजन में हुए शामिल

कोरबा 23 सितंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोरबा नगर द्वारा ओपन थिएटर घंटाघर मैदान में शाखा संगम का आयोजन किया गया। शाखाओं की मजबूती और कार्य विस्तार के दृष्टिकोण से यह प्रयोग किया जा रहा है। सैंकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक उत्साहपूर्वक इस आयोजन में शमिल हुए।

कोरबा नगर स्तर पर यह शाखा संगम का आयोजन प्रांत के निर्देशानुसार एवं संघ स्थापना के शताब्दी वर्ष के निमित् किया गया। प्रत्येक तीन माह में शाखा संगम आयोजित करने की योजना अखिल भारतीय स्तर पर क्रियान्वित है। कोरबा की सभी 20 शाखाओं के द्वारा आसन, स्फूर्ति योग, समता, दंड अभ्यास और बौद्धिक कार्यक्रम संपन्न हुए । इनमे सभी की सक्रिय भागीदारी रही। समयबद्धता और अनुशासन के बीच यह कार्यक्रम रविवार को सुबह 6.30 बजे ध्वजारोहण के साथ हुआ। डेढ़ घंटे तक चले कार्यक्रम में विभिन्न सोपान पर काम किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर शारीरिक प्रमुख शत्रुघ्न वर्मा ने बताया कि शाखाओं की स्थिति को परखने व उन्हें और भी अच्छा करने की नीति से शाखा संगम पर काम किया जा रहा है। लगभग 650 स्वयंसेवक 20 शाखों से इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इस अवसर पर रानी अहिल्या बाई होलकर के 300 वे शताब्दी वर्ष पर राष्ट्रीय परिपेक्ष में उनके सामाजिक और धार्मिक पुनरुत्थान की दिशा में विशिष्ट योगदान को याद किया गया द्य जानकारी दी गई कि भारत के सांस्कृतिक सशक्तिकरण को लेकर रानी अहिल्याबाई होल्कर ने किस प्रकार से अपनी भूमिका का निर्वहन किया। भारत के अलावा नेपाल और पड़ोसी देशों में इसके उदाहरण देखने को मिलते हैं और वह हमें सदकार्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते हैं। संगठन के अलग-अलग श्रेणियों के पदाधिकारी और स्वयंसेवक कार्यक्रम में शामिल हुए।

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आयोजन के अंतर्गत जिले के संघचालक डॉ विशाल उपाध्याय ने अपनी बात रखी और कोरबा जिले में संघ विस्तार के लिए किया जा रहे हैं कार्यों पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है उसे प्राप्त करने के लिए पूरे दृढ़ निश्चय के साथ काम करने की आवश्यकता है। बताया गया कि आगामी शाखा संगम का आयोजन दिसंबर माह में किया जाएगा।

वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। शताब्दी वर्ष को लेकर पूरे देश भरमें कई प्रकार के प्रकल्प और लक्ष्य पर कार्य हो रहा है। कोरबा जिले के द्वारा इस परिपेक्ष में तय किया गया है कि वह 300 गांव तक अपनी पहुंच बनाने के साथ वहां संघ कार्यों को खड़ा करेगा। 3 वर्ष पहले इस बारे में योजना तैयार की गई थी और तब से काम को किया जा रहा है। ऐसे सभी ग्रामों को लक्ष्य बनाते हुए वहां पर विभिन्न सोपान शुरू किए जाने हैं। आदर्श ग्राम की परिकल्पना का विशेष ध्यान इसमें रखा गया है। सज्जन शक्ति को ग्राम विकास के लिए लगाने के साथ-साथ स्वदेशी, स्वावलंबन, जैविक खेती, संस्कार पाठशाला के साथ-साथ कौशल विकास जैसे कार्यक्रम पर फोकस किया गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए लगातार बैठक की जा रही है। कार्यों की समीक्षा की जा रही है और गुण दोष के आधार पर आगे बढ़ा जा रहा है। अब तक की स्थिति में काफी अच्छी प्रगति प्राप्त हुई है और इसी गति से आगे परिणाम हासिल करने के लिए संघ प्रतिबद्ध है।

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