कोल इंडिया ने विवाहित पुत्रियों को आश्रित रोजगार देने पर जताई सहमति
कोरबा 27 अगस्त। कोल इंडिया ने विवाहित पुत्रियों को आश्रित रोजगार देने पर सहमति जताई है। शीघ्र ही आदेश जारी कर दिया जाएगाए ताकि इसे सामान्य रूप से लागू किया जा सके। इसी तरह चिकित्सा उद्देश्य के लिए अविवाहित बहन को आश्रित के रूप में शामिल करने व सात वर्ष से अधिक समय से लापता कर्मचारी को अदालत द्वारा मृत घोषित किए जाने पर उसके आश्रित को रोजगार पर भी प्रबंधन ने मंजूरी दे दी।
कोल इंडिया अपेक्स जेसीसी की बैठक कोलकाता में आयोजित की गई। इस दौरान कर्मचारियों से जुड़ी कई समस्याओं पर प्रमुखता से चर्चा की गई। श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों की लंबित मांग रखते हुए उनका निराकरण किया। इस पर प्रबंधन ने कुछ मुद्दों पर सहमति जताई, तो कुछ मुद्दों पर जांच के उपरांत आगे कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसमें सबसे अहम मुद्दा विवाहित पुत्रियों को आश्रित मान कर रोजगार का है। साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड एसईसीएल में विवाहित पुत्रियों को रोजगार देने से संबंधित कई मामले सामने आए। प्रबंधन द्वारा नियम शर्त बता कर नौकरी नहीं दी जा रही थी। इस पर कई पुत्रियों ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
उच्च न्यायालय के आदेश पर एसईसीएल को विवाहित पुत्री के आश्रित प्रकरणों के निराकरण में परिपत्र जारी करना पड़ा। श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने इसे नियम को कोल इंडिया में लागू करने की मांग रखी। इस पर कोल इंडिया ने भी सहमति जताते हुए कहा कि जल्द ही इसका आदेश जारी कर दिया जाएगा। इसी तरह अविवाहित बहन को आश्रित के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव भी प्रबंधन सहमत हो गया है। अपेक्स कमेटी के सदस्य नाथूलाल पांडेय ने बताया कि बैठक में पति और पत्नी दोनों के कर्मचारी होने की स्थिति में प्रति लाभार्थी को 25 हजार रूपये तक बाह्य उपचार के मुद्दे पर पुन: विचार करने के बाद सहमति बनी। वहीं अनुग्रह राशि दुर्घटनाग्रस्त श्रमिकों स्थाई एवं ठेकेदारी श्रमिक के आश्रितों को 15 लाख से बढाकर 25 लाख रुपये देने पर भी प्रबंधन ने मंजूरी दी है। बैठक में कुछ मुद्दों पर दोनों पक्ष ने चर्चा उपरांत यह निर्णय लिया कि मामले की जांच करने के बाद लागू किया जाएगा। इसमें आश्रित व भूमि विस्थापितों को उनकी योग्यता के अनुसार नियोजन करने का मामला शामिल है। इसी तरह एन्यूटी 2020. मासिक मुआवज़ा बढ़ा कर कटेगरी. एक वेतन सुनिश्चित करने और बाद में आने वाले एनसीडब्ल्यू, के अनुसार संशोधित करने का मुद्दा शामिल है।
मेडिकल एक्जीक्यूटिव्स डाक्टरों की भर्ती में देरी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया का अधिकार कोल इंडिया लिमिटेड को दिया जाएगा, ताकि प्रक्रिया को न्यूनतम समय सीमा के साथ सरल बनाया जा सके। भर्ती करते समयए उम्मीदवारों की पोस्टिंग उनकी पसंदए कंपनी के अनुसार की जाए। चर्चा के बाद सहमति बनी कि भर्ती की प्रक्रिया को कोल इंडिया द्वारा केंद्रीयकृत किया जाएगा। परिवार के किसी सदस्य के रोजगार पर रहने की स्थिति में प्रबंधन द्वारा आश्रित को रोजगार देने से इंकार कर दिया जाता है। मामले में प्रबंधन ने इस बात पर सहमत हुआ कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार लागू किया जाएगा।