इमलीडुग्गू रेल फाटक बंद: सड़क पर भारी वाहनों का जाम, जनता परेशान
कोरबा 08 जुलाई। पिछले 12 घंटे से भी ज्यादा समय से कोरबा नगर की एक प्रमुख सड़क पर भारी वाहनों पर जाम लगा हुआ है। आलम यह है कि अगल-बगल में दो-तीन वाहनों के खड़े होने से अजीब स्थिति बन गई है। इमलीडुग्गू से लेकर मुड़ापार, अमरैया और सीएसईबी चौराहे तक सैकड़ों वाहनों की लाइन लग गई। इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जो कोयला मालगाडिय़ों को लगातार भेजने के चक्कर में ईस्ट केबिन के पास के फाटक को एक तरह से बंद रखे हुए है। इस मामले को लेकर नागरिकों ने रेलवे को निशाने पर लिया। अलग-अलग कारणों से लोगों की नाराजगी रेलवे पर फूटती रही है। इन सबके बावजूद जोन से लेकर मंडल और स्थानीय अधिकारियों पर कोई खास असर नहीं पड़ सका और उनकी मनमानी जारी है।
कोयला लदान के साथ ज्यादा राजस्व अर्जित करने के रिकार्ड बनाते हुए सुर्खियां बटोरने में रेलवे लगा हुआ है। इसके लिए जरूरी शर्त यह हो गई है कि वह गेवरारोड से लेकर कोरबा क्षेत्र में स्थित रेलवे क्रासिंग को कितनी अधिक देर तक बंद रख सकता है, वह भी लोगों के उद्वेलित हुए बिना। पहले से ही दिन में लगभग 20 से 24 बार क्रासिंग बंद करने का काम होता रहा है लेकिन समय के साथ रेलवे अपनी सीमाएं पार कर रहा है। शायद इसी का नतीजा है कि अब उसने लोगों के लचर रवैये को देखते हुए कोरबा स्टेशन के नजदीक ईस्ट केबिन से लगी हुई इमलीडुग्गू क्रासिंग को कुछ ज्यादा ही समय के लिए बंद करना तय कर लिया है। बार-बार मालगाडिय़ों के पार होने से लोग परेशान न हो इसलिए स्थायी विकल्प लेते हुए क्रासिंग को पिछली शाम से बंद कर दिया जो अगली सुबह तक इसी स्थिति में रही। ऐसे में परिणाम यह हुआ कि खदान से कोयला लेकर जाने वाली और दूसरी तरफ से वापस आने वाली गाडिय़ां सड़क पर फंस गई। इन्हें आगे जाने का रास्ता नहीं मिला तो मुख्य सड़क में जाम की स्थिति पैदा हो गई। वाहनों की संख्या ज्यादा होने से रिहायशी क्षेत्रों के लिए आवाजाही बाधित होने के साथ घटनाएं भी हुईं। इस पूरे मामले में ट्रैफिक को नियंत्रित करने की चुनौती भले ही सरकारी तंत्र के सामने बनी रही लेकिन उसने भी अपने हाथ खड़े कर दिये।
विद्यार्थी और मरीज हुए परेशान:-कोरबा शहर के दूसरे बड़े मुख्य मार्ग पर वाहनों का जाम लगने से कई प्रकार की परेशानियां पेश आईं। जाम के चक्कर में स्कूल बसों को निकलने का रास्ता भी नहीं मिल सका। ऐसे में काफी विद्यार्थियों को आज गोल मारना पड़ा। वहीं कुछ मामलों में अभिभावकों को अतिरिक्त समय लेकर बच्चों को स्कूल भेजना पड़ा। दूसरी ओर आपातकालीन व्यवस्था के तहत इस रास्ते से आवाजाही करने वाली एंबुलेंस के सामने भी समस्याएं आई। ऐसे में फौरी तौर पर अलग-अलग विकल्प लिये गए और मरीजों को अस्पताल भिजवाया गया। पहले से ही अस्पतालों में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण दिक्कतें हैं, दूसरी तरफ वाहनों के जाम के कारण होने वाली परेशानी से एंबुलेंस के स्टाफ के साथ-साथ मरीज भी परेशान हुए।
कमजोर नेतृत्व को लेकर शिकायतें:-रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कुल मिलाकर जिस तरह की समस्या कोरबा में बनी हुई है उसके लिए कुल मिलाकर कमजोर नेतृत्व जिम्मेदार है। वह रेल प्रबंधन पर वैसा दबाव नहीं बना पा रहा है जिसकी जरूरत है। यही कारण है कि लदान के भारी भरकम दबाव से रेलवे ट्रैक व्यस्त है और इन कारणों से जन यातायात के साथ-साथ जनता के सामने समस्या पेश आ रहे हैं। इस मामले में वाहन चालक भी बेहद परेशान हो रहे हैं। यह विषय मानवता से जुड़ा हुआ है लेकिन इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है।