एनटीपीसी कोरबा संयंत्र ने 13 दिन पहले हासिल किया उत्पादन लक्ष्यः बिस्वरूप बसु

कोरबा 21 मार्च। नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन एन टी पी सी कोरबा संयंत्र के कार्यपालक निदेशक इडी बिस्वरूप बसु ने कहा कि संयंत्र की इकाइयां 40 वर्ष पुरानी है। इसके बावजूद पिछले 11 माह से संयंत्र देश में नंबर एक स्थान पर रहा, पर अभी दूसरे स्थान पर है। चालू वित्तीय वर्ष का विद्युत उत्पादन लक्ष्य 13 दिन पहले हासिल कर लिया है। संयंत्र का लक्ष्य 20506 मिलियन यूनिट है, पर शनिवार तक इस लक्ष्य को पार कर 20,554 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर लिया।

पत्रकारों से को चर्चा करते हुए कार्यपालक निदेशक बसु
ने कहा कि संयंत्र ने प्लांट लोड फैक्टर पीएलएफ 92.31 फीसद दर्ज किया है, जबकि 90.2 फीसद पी एल एफ का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक पी एल एफ 93.42 फीसद तक जा सकता है। एनटीपीसी कोरबा सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहा है, वहीं संयंत्र का ग्रीड लास एक फीसद है। उन्होंने कहा कि गर्मी में बिजली की मांग में बढ़ोतरी होगी। संयंत्र में किसी तरह की तकनीकी दिक्कत न आए, इसलिए संयंत्र की इकाइयों का आवश्यक मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया है। एन टी पी सी की पहली प्राथमिकता इकाइयों के रखरखाव की है, ताकि बिजली की आपूर्ति सुचारू रहे और इसकी लागत भी कम हो। इडी ने कहा कि राख की उपयोगिता लगभग 60 फीसद है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा मानिकपुर खदान में भी राख भरी जा रही है। बसु ने कहा कि संयंत्र में 500- 500 मेगावाट की चार तथा 200 -200 की तीन इकाइयां कुल 2600 मेगावाट से बिजली उत्पादन हो रहा है।

पत्रकार वार्ता के मौके पर राम प्रसाद, महाप्रबंधक ओ एंड एम,
मनोरंजन सारंगी, अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन, पवन मिश्रा प्रबंधक मानव संसाधन, हिमानी शर्मा कार्यकारी कार्पोरेट संचार प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।

इडी बसु ने कहा कि एन टी पी सी ने जल संरक्षण के कई उपाय कर खपत की मात्रा में कमी लाई है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य के जल संसाधन विभाग से 93 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का आबंटन मिला हुआ है, पर खपत की मात्रा कम होने पर एन टी पी सी ने जल संसाधन विभाग से अब 70 मिलियन क्यूबिक मीटर करने आपूर्ति करने कहा है, यानी 23 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी अब कम लेंगे। इडी बसु ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा प्रगतिनगर क्षेत्र में छह एकड़ भूमि दूषित जल उपचार संयंत्र के लिए निगम को आबंटित की जा रही है। दूषित जल उपचार संयंत्र की स्थापना के लिए नगर निगम को 14.17 करोड़ रुपये एनटीपीसी प्रदान करेगा। इसके एवज में नगर निगम से 20 एम एल डी उपचारित जल भी लेगा। इसका फायदा यह होगा कि हसदेव नदी से मिलने वाले पानी में कमी आएगी और नदी के पानी का उपयोग खेतों में सिंचाई या अन्य कार्य के लिए उपयोग किया जा सकेगा।

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