इको सिस्टम को बेहतर बनाने वेदांता करेगा काम, हुआ समझौता

कोरबा 06 जून। भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने भारत की अग्रणी पर्यावरण परामर्शक फर्म आईओआरए ईकोलॉजिकल सॉल्यूशंस के साथ एक करार (मैमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर दस्तखत किए हैं। इस भागीदारी के तहत वेदांता एल्यूमिनियम आईओआरए के सहयोग से अपने प्रचालनों के आसपास के इलाकों में प्रकृति आधारित समाधानों (एनबीएस) को अमल में लाते हुए जैवविविधता व प्राकृतिक स्त्रोतों को संरक्षित करेगी तथा लैंडस्केप स्तर पर जलवायु पलटाव हासिल करेगी। एक बड़े क्षेत्र में पानी, मिट्टी, वनस्पति और जीवों जैसे कुदरती संसाधनों का संरक्षण लैंडस्केप स्तर पर प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में शामिल होता है।

2009 में स्थापित आईओआरए प्राकृतिक संसाधन संरक्षण, कार्बन फॉरेस्ट्री, जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण एवं अनुकूलन में तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करती है। इस सहभागिता के अंतर्गत आईओआरए वेदांता एल्यूमिनियम को ऐसी परियोजनाओं के विकास एवं अमल में सहयोगी करेगी जो स्थानीय जैवविविधता एवं ईकोसिस्टम के लैंडस्केप स्तरीय प्रबंधन पर केन्द्रित होंगे। इनमें जलवायु परिवर्तन न्यूनीकरण हेतु तकनीक-चालित परियोजनाओं की पहचान, डिजाइनिंग व प्रबंधन जो कि वैश्विक सस्टेनेबिलिटी प्रयासों एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के मुताबिक होंगे। वेदांता एल्यूमिनियम प्रकृति आधारित क्लाईमेट ऑफसैट एवं जैव विविधता प्रबंधन परियोजनाओं को पड़ोसी समुदायों और अन्य इच्छुक पक्षों के साथ मिलकर लागू करेगी।

ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ में कंपनी के प्रचालनों के आसपास शुरु की जाएंगी। इससे स्थानीय समुदायों व अन्य पक्षों के संग जमीनी स्तर पर जुड़ाव का विस्तार हो सकेगा। यह काम संगठित मंचों, जागरुकता वर्धन, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों, जमीनी जैव विविधता एवं प्रकृति संरक्षण विधियों के अमल के जरिए किया जाएगा। वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालनों के प्रत्येक पहलू में व्यवहार्य प्रकृति-सकारात्मक कार्यों की सक्रिय पहचान एवं एकीकरण इन सभी कार्यों का सम्मिलित उद्देश्य होगा।
इस भागीदारी पर वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ जॉन स्लेवन ने कहा की ’’वेदांता एल्यूमिनियम में हम अपनी निर्णय प्रक्रिया के हर एक पहलू में सस्टेनेबिलिटी को शामिल कर रहे हैं। हम अपनी कामयाबी को इस तरह मापते हैं कि अपने प्रचालनों के माध्यम से हम क्या सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक बदलाव लाए और कैसा पर्यावरण प्रबंधन हमने हासिल किया। इस प्रयास के तहत हम संसाधन क्षमताओं, सर्कुलर अर्थव्यवस्था एवं समावेशी सामुदायिक सहभागिताओं को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं तथा 2050 तक या उससे पहले नैट् जीरो उत्सर्जन के मुकाम तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
आईओआरए ईकोलॉजिकल सॉल्यूशंस के सीईओ स्वपन मेहरा ने इस बारे में कहा की ’’वेदांता एल्यूमिनियम के सहभागी बन कर हम बहुत खुश हैं, इस भागीदारी के तहत कंपनी के प्रचालनों के आसपास के इलाकों में व्यापक पर्यावरणीय एवं ईकोलॉजिकल समाधान तैनात किए जाएंगे। वेदांता इंडस्ट्री लीडर है और इस संदर्भ में इनके प्रयास विश्व स्तर पर इनकी समकक्ष कंपनियों को प्रेरित करेंगे जिससे वे भी अपनी योजनाओं को इसी प्रकार आगे बढ़ाएंगी और पूरे उद्योग में परिवर्तनकारी प्रभाव उत्पन्न हो सकेगा।

वेदांता एल्यूमिनियम के प्रचालनों में झारसुगुडा स्थित दुनिया का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम प्लांट और लांजिगढ़, ओडिशा स्थित विश्व स्तरीय एल्यूमिना रिफाइनरी और इनके अतिरिक्त राज्य में खनन प्रचालन शामिल हैं। इनमें कोरबा, छत्तीसगढ़ स्थित भारत की आइकॉनिक एल्यूमिनियम उत्पादक बाल्को भी शामिल है। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कंपनी ने अपनी टीमों एवं समुदायों के संग अनेक ज्ञान वर्धक एवं जुड़ाव कायम करने वाली कोशिशें की। जिनमें मरुस्थलीकरण का असर, सूखे का पलटाव और व्यापार-जैवविविधता आवश्यकताओं का संरेखीकरण जैसे विषयों पर विशेषज्ञों के सत्र और वृत्तचित्रों का प्रदर्शन शामिल थीं।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 24 में 23.7 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है जिनका उपयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में एस एंड पी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असैसमेंट 2023 में पहली वैश्विक रैंकिंग मिली है, यह उपलब्धि कंपनी की सस्टेनेबल विकास प्रक्रियाओं को प्रतिबिम्बित करती है। भारत में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स और एल्यूमिना रिफाइनरी के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन में लगातार आगे बढ़ रही है।

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