कोरबा में घर घर सेंध लगाकर ऑनलाइन ट्रेडिंग कंपनी हुई फुर्र.. निवेशक सदमे में
कोरबा 29 जून. जिले में पिछले 6-7 माह से QLOF नामक ऑन लाइन ट्रेडिंग कंपनी के द्वारा लोगों को पैसा डबल करने का झांसा दिया जा रहा था. बैठे बिठाए पैसे मिलने के लालच में लोग भी आंख बंद कर इस कंपनी पर विश्वास कर रहे थे और बिना सोचे समझे इस कंपनी में पैसा लगा रहे थे साथ ही अपने परिचितों और रिश्तेदारों को भी कंपनी में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे थे। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये थी कि जिन लोगों ने पहले पैसा लगाया उन्हें काफी कम समय में भारी भरकम रिटर्न मिला जिसका वे स्वयं साक्षी बने । साथ ही अन्य लोगों को भी ट्रेडिंग कंपनी से जोड़ने पर उन्हें ज्यादा इंटरेस्ट मिलने लगा। नतीजा ये हुआ कि इस नेटवर्किंग के जरिए हर गली मोहल्ले से लोग लालच में आकर कंपनी से जुड़ते चले गए । हालात ऐसे थे कि कोरबा जिला समेत पूरे देश प्रदेश से लाखों करोड़ों लोग कंपनी में पैसा इन्वेस्ट कर चुके थे। सरकारी कर्मचारी, निजी कर्मचारी, किसान, बेरोजगार युवा, महिलाएं और तो और स्कूल व कॉलेज के छात्र भी QLOF से जुड़ गए।
QLOF ऑन लाइन ट्रेडिंग कंपनी द्वारा शुरुआत में 3 हजार रुपए लोगों से इन्वेस्ट कराया गया जो बाद में बढ़कर 6 हजार तक हो गया था। जिन्होंने शुरुआती दौर पर पैसा लगाया था उनके रकम तो वापस आ गए परंतु ऐसे लोगों के बहकावे में आकर बहुत से लोगों ने ₹6000 और ज्यादा रकम इस कंपनी में इन्वेस्ट किया, स्थिति ऐसी थी कि जिसे देखो वह इस कंपनी के बारे में ही बात कर रहा था और एक दूसरे को इस कंपनी में पैसा लगाने की समझाइए देते नजर आते थे. वास्तविकता में कंपनी द्वारा पैसे को शेयर मार्किट या क्रिप्टो करेंसी में निवेश नही किया जा रहा था अपितु लोगों का जमा किया गया पैसा ही दूसरे लोगों को कई गुना करके दिया जा रहा था जिससे अधिक से अधिक लोग जुड़े और करोड़ों रुपए समेटने के बाद ऑनलाइन ठग भाग सके। भारी मुनाफे के लालच में लोग निवेश करते चले गए। ये QLOF कंपनी कहां की थी , कौन मालिक है, उनका पैसा कहां लग रहा है , कंपनी उन्हें इतना भारी भरकम रिटर्न के साथ पैसे कैसे वापस कर रही है, इसकी किसी को किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी।
एक सप्ताह पुर्व शुरू हुआ खेला
एक सप्ताह से QLOF कंपनी कभी साइबर अटैक तो कभी सिस्टम क्रैस होने के बहाने लोगों की रकम निकासी बंद करके अपडेट का बहाना कर रही थी। लोगों से वादा किया गया था कि शुक्रवार 28 जून की सुबह 7 बजे से सिस्टम सही हो जाएगा और निकासी असानी से होने लगेगी। वादे के मुताबिक सुबह QLOF एप असानी से खुला और लोगों रकम ट्रांसफर करने लगे। लेकिन बैंक एकांउट में रकम नहीं पहुंचा और शाम को रकम वापस एप में रिफंड होने का मैसेज मिल गया। अब कंपनी द्वारा निवेशकों को केवाईसी के नाम पर पुनः 6 हजार रुपए जमा करने को कहा जा रहा है । बताया जा रहा है की उक्त शुल्क जमा करने के बाद ही उनके द्वारा जमा किए गए संपूर्ण राशि को निकालने के लिए वे सक्षम होंगे अन्यथा उनकी जमा राशि लेप्स हो जाएगी। इसके लिए कंपनी ने केवल 30 जून तक का समय दिया है। इस तरह QLOF कंपनी ने ग्राहकों के पहले से कंपनी में जमा रकम को हड़पने के साथ ही केवाईसी प्रमाणीकरण के बहाने और 6 हजार रुपए ठगने का प्रयास शुरू कर दिया है।
कहीं खुशी कहीं गम
सूत्र बताते हैं कि कंपनी रातों-रात बंद हो गई जिससे निवेशकों में हड़कंप मच गया है । लोगों के करोड़ों रुपए कंपनी में फ्रीज हो चुके हैं । अब उन्हें साइबर ठगी के शिकार होने का एहसास हो रहा है । जिन लोगों को नुकसान हुआ वे सदमे में नजर आ रहे हैं वहीं जिन लोगों ने निवेश की गई राशि से कई गुना ज्यादा रिटर्न निकलवा चुके थे उनके चेहरे पर खुशी नजर आ रही है और वे राहत की सांस ले रहे हैं ।
जानकारों की माने और हो जाए सतर्क
समाज के प्रबुद्ध एवं जानकर लोगों का कहना है कि कोई भी कंपनी अल्पसमय में पैसे डबल कर कर नहीं दे सकती, पुलिस प्रशासन द्वारा साइबर क्राइम के प्रति लोगों को हर संभव जागरूक किया जा रहा है परंतु फिर भी लोग लालच में आकर कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के उद्देश्य से ऐसी ठगी का शिकार होते हैं. अभी भी लोगों को उम्मीद है कि कंपनी फिर से शुरू हो जाएगी और उनका पैसा वापस आएगा।
ऐसे लोगों को हमारी राय है की कंपनी द्वारा केवाईसी के नाम पर जो ₹6000 जमा करने की मांग की जा रही है यह ठगी का नया पैंतरा हो सकता है, इसलिए केवाईसी करवाने में अब बड़ा रिस्क है। लोगों को इससे बचने की जरूरत है ।