अरविंद केजरीवाल को एक और झटका.. कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और झटका लगा है . दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की CBI की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. CBI ने कोर्ट से केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की अपील की थी. CBI ने अपने आवेदन में कहा था कि केजरीवाल पूछताछ के दौरान जानबूझ टालमटोल कर रहे थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में हिरासत में लेकर आगे पूछताछ की आपश्यकता नहीं है.
CBI ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए क्योंकि वह एक प्रमुख राजनेता हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के साथ बहुत प्रभावशाली हैं. CBI ने कहा कि अगर उन्हें न्यायिक हिरसत में नहीं भेजा गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और पूछताछ के दौरान उनके सामने आए सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
केजरीवाल 12 जुलाई तक CBI न्यायिक हिरासत में
कोर्ट ने CBI की अपील को स्वीकार करते हुए 12 जुलाई तक केजरीवाल को CBI की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. कोर्ट ने उन्हें 3 दिनों की CBI हिरासत में भेज दिया था. आज हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने केजरीवाल को उनके परिवार से मिलने के लिए 10 मिनट का समय भी दिया था.
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत में दलीलें पेश करने का अनुरोध किया. अदालत ने कहा के आप 1-2 दिन बाद संबंधित अदालत में जमानत के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं. आप न्यायिक हिरासत का विरोध नहीं कर सकते. हालांकि अदालत ने बचाव पक्ष को पांच मिनट सुनने पर सहमति दी.
कोर्ट ने कहा- न्यायिक हिरासत के अलावा कोई विकल्प नहीं
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा, केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि केस डायरी में जो कुछ भी है, वह अदालत के पास होना चाहिए. अदालत ने कहा कि यह देखना अदालत का दायित्व है कि जांच अधिकारी ने मामले की जांच के दौरान क्या कदम उठाए है, यह अदालत और जांच अधिकारी के बीच का मामला है. सभी के सामने जांच का खुलासा करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इस बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, अदालत रिमांड की आवश्यकता पर खुद को संतुष्ट करेगी. अदालत ने कहा कि पुलिस रिमांड पूरा होने के बाद अदालत के पास न्यायिक हिरासत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. लेकिन आरोपी जमानत के लिए आवेदन कर सकता है.
अदालत ने कहा कि न्यायाधीश के पास न्यायिक हिरसत के जांच अधिकारी के आवेदन को खारिज करने का कोई प्रावधान नहीं है. बचाव पक्ष ने दो आग्रह अदालत से किए. पहला CBI की केस डायरी समेत सभी सामग्री तुरंत रिकार्ड पर ली जाएं. दूसरी जमानत याचिका दाखिल करने की अनुमति दी जाए. अदालत ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगी.