खनन प्रभावित गांवों में जल आपूर्ति फिर शुरू करे एसईसीएल प्रबंधनः माकपा

कोरबा 30 सितम्बर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा ने बांकीमोंगरा क्षेत्र के खनन प्रभावित पुरैना, बांकी बस्ती, मड़वाढोढा और आसपास के गांवों में निस्तारी, सिंचाई और पीने के लिए जल आपूर्ति जारी रखने की मांग की है।

एसईसीएल महाप्रबंधक कोरबा के नाम उपक्षेत्रीय प्रबंधक सुराकछार पी मवावाला को माकपा जिला सचिव प्रशांत झा, पार्षद राजकुमारी कंवर, पार्षद शैल राठौर, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर के साथ ग्रामीण उपस्थित रहे। उन्होंने जल समस्या का निराकरण न होने पर सात अक्टूबर को सुराकछार खदान का घेराव करने की चेतावनी दी है। बांकी खदान 1962 से संचालित है। कोयला खनन के कारण यहां जल स्तर काफी गिर चुका है और अपने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत एसईसीएल ही पीनेए निस्तारी और सिंचाई के लिए पानी का प्रबंध करते आया है। लेकिन बांकी खदान बंद होने के बाद अब अचानक एसईसीएल द्वारा इन गांवों में जल आपूर्ति रोक दी गई है, जिससे यहां जल संकट गहरा गया है। माकपा नेता प्रशांत झा ने बताया कि जल आपूर्ति रोक देना इन खनन प्रभावित गांवों व यहां के रहवासियों के साथ न केवल अमानवीय व्यवहार है, बल्कि उनके मानवाधिकारों का हनन भी है। इस व्यवहार के कारण न केवल पेयजल और निस्तारी का संकट गहरा गया है, बल्कि खदान से बाहर निकलने वाले पानी के भरोसे धान की खेती करने वाले किसानों की फसल पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि पुरैना और बांकी बस्ती में पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल सप्लाई चालू रखा जाए। खदान से बाहर निकलने वाले पानी को बोर होल पंप लगाकर किसानों को खेती की सिंचाई के लिए तत्काल उपलब्ध कराया जाए तथा आसपास के तालाबों को भरने की व्यवस्था की जाए। वार्ड 63 मोंगरा और वार्ड 65 कुदरीपारा बांकी बस्ती के पार्षदों ने भी इस समस्या को लेकर एसईसीएल प्रबंधन को पत्र लिख कर चेतावनी दी है। इस मौके पर अजित, शिवरतन, मोहपाल, श्याम, दिलीप दास, चंद्रभूवन एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।

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