केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में घोर लापरवाही-राज्य सरकार को भंग करेंः ननकीराम कंवर

कोरबा 23 जून। कोरोना महामारी के मध्य में शहरों से वापस गांव लौटे मजदूर बेरोजगार ही रह गए। पूरे प्रदेश में जीवन यापन के लिए उनको मनरेगा से काम दिलाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कही काम किया भी जा रहा है तो जेसीबी से खनन करके गरीब परिवार के अधिकारों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के चावल वितरण, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित सभी केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रदेश में संवैधानिक व्यवस्था के कमजोर होने की बात कही है।

छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व गृहमंत्री एवं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर केंद्र सरकार के घोषित कार्यों में नियम के विपरीत कार्य करते हुए पंचायतों के अधिकारों के साथ-साथ आम नागरिकों के अधिकार का भी हनन करने का गंभीर आरोप लगाया है। केंद्र घोषित योजनाओं में विपरीत कार्य करने के कारण संवैधानिक अधिकार कमजोर होने का जिक्र करते हुए विभिन्न 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को प्रेषित किया गया है। इसके साथ जिला सरपंच संघ के द्वारा उन्हें प्रस्तुत आवेदन की छायाप्रति भी संलग्न की गई है।

ननकीराम कंवर ने मनरेगा में जेसीबी मशीनों से काम कराने, गौठान बनाने में, पंचायतों के अधिकारों का हनन व राशि का दुरुपयोग कोरोना महामारी के कारण पंचायतों को आपदा व क्वारेंटाइन सेंटरों की राशि न देकर आपदा प्रबंधन की राशि का दुरुपयोग करने व जारी राशि पंचायतों को नहीं भेजने का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार के चावल का हितग्राहियों को सही वितरण नहीं करने, वन विभाग में कैम्पा मद व मनरेगा स्वीकृत वन विभाग के कार्यों में जेसीबी लगाने, मजदूरों के नाम फर्जी राशि आहरण करने, खाद की निर्धारित दर से अधिक में बिक्री करने, प्रधानमंत्री आवास योजना और इसकी राशि का मनमाने ढंग से दुरुपयोग कर गरीबों का अहित करने के संबंध में शिकायत की गई है।

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