15 सूत्रीय मांग पर वार्ता नहीः 1 जुलाई से 7 दिन तक खदान में उत्पादन बन्द करेंगे भू-विस्थापित

कोरबा 23 जून। भू-विस्थापितों की 15 सूत्रीय मांग पर अभी तक एसईसीएल मुख्यालय स्तर के अधिकारियों के साथ वार्ता नहीं हो सकी। इससे नाराज भू-विस्थापित एक मुट्ठी भर चावल व 10 रुपये लेकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं और बैठक कर एक जुलाई से सात दिन तक खदान बंद करने का निर्णय लिया।

साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की गेवरा व दीपका खदान में समाहित भूमि के प्रभावित ग्रामीणों की ओर से उर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति रोजगार, मुआवजा, बसाहट, कोयला परिवहन के ठेका कार्य में 20 फीसद आरक्षण समेत 15 सूत्रीय मांग को पूरा कराने आंदोलनरत है। समिति की अगुवाई में गत आठ जून को दीपका खदान बंद कराया गया था। इस दौरान संगठन की ओर से एसईसीएल मुख्यालय स्तर के जिम्मेदार अधिकारियो को एक सप्ताह के भीतर बुलाकर वार्ता की मांग की थी। साथ ही कहा था कि यदि समस्या का निदान नहीं किया जाता तो अनिश्चितकालीन खदान बंद कर दिया जाएगा। तदुपरांत दीपका क्षेत्र की समस्याओं पर एसडीएम कटघोरा ने त्रिपक्षीय वार्ता में स्पष्ट कर दिया गया था कि जिन मांगो पर मुख्यालय स्तर के सक्षम अधिकारी कोई निर्णय ले सकते हैं उसके लिए प्रबंधन वार्ता का पहल किया जाए, पर क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नही की गई।

समिति ने बैठक कर कहा कि एसईसीएल के क्षेत्रीय अधिकारी मुख्यालय के अधिकारियों के ऊपर निर्भरता की बात कर अपना पल्ला झाड़ लेते है और समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं। इससे लगता है कि उनकी गलतियां उच्चाधिकारियो के सामने न आ जाए, इसके लिए भी बचना चाह रहे हैं भले ही इससे औद्योगिक अशांति निर्मित हो जाए। समिति ने बैठक में निर्णय लिया कि मांग पूरी नहीं होने पर आगामी एक से सात जुलाई तक सात दिन गेवरा व दीपका खदान को बंद कराया जाएगा। इसकी तैयारी सभी सदस्य तेज कर देंए ताकि आंदोलन को सफल बनाया जा सके। साथ ही सभी प्रभावित क्षेत्र के गांवों में हर घर से एक मुट्ठी चावल और 10 रुपये सहयोग के साथ आंदोलन को कामयाब बनाने घर-घर में दस्तक देने कहा गया है।

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