सांप पकड़ने का काम करने वाले वन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराएं वर्ना दर्ज होगा मामला
कोरबा 23 मार्च। जिले में बड़े पैमाने पर सांप की मौजूदगी है। खासतौर पर वनांचल क्षेत्र में कई विलुप्त प्रजाति के सांपों का बसेरा भी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिले के व्रिभिन्न इलाकों में सांप पक़ड़ने वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। निश्चित तौर पर उनके-द्वारा जो काम किया जाता है वह सराहनीय है लेकिन वहीं दूसरी ओर वन विभाग को अब सांपों की तस्करी का खतरा भी मंडराने लगा है। इसलिए वन विभाग ने साफतौर पर चेतावनी जारी की है कि सांप पकड़ने का काम करने वाले वन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराएं। आने वाले दिनों में विभाग सांप पकड़ने एक टोल फ्री नंबर जारी करेगी आम आदमी इस नंबर पर उनके घर या आसपास सांप निकलने पर फोन कर सांप पकड़ने वाले को बुला सकेगी। इसके बाद भी यदि कोई वन विभाग के बिना अनुमति सांप पकड़ता पाया गया तो उसके खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
शहरी क्षेत्र में आए दिन किसी न किसी के घर में सांप निकलने की घटना सामने आती है और लोग सांप से बचने के लिए तत्काल सांप पकड़ने का कार्य करने वालों को बुलाते हैं जो वहां पहुंचकर सांप पकड़ते हैं वो भी निःशुल्क और फिर पकडे गए सांप को जंगल में छोड देते हैं। 2 दिन पूर्व ही रायपुर में सांप तस्करी का मामला सामने आने के बाद अब वन विभाग सतर्क हो गया है। उन्हें सांपों की तस्करी का भी खतरा सताने लगा है। इसलिए वन विभाग ने जिले में सांप पकड़ने वालों को चेतावनी जारी कर जल्द से जल्द अपना रजिस्ट्रेशन वन विभाग में कराने का निर्देश जारी किया है। यही नहीं उनके कार्य करने के तरीके की भी पूरी जानकारी मांगी है। वनमंडल अधिकारी प्रियंका पांडे ने बताया कि आने वाले बारिश के मौसम में सांप निकलने की घटना सबसे ज्यादा होती है। आम जनता को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए वन विभाग रूपरेखा तैयार कर रहा है जहां विभिन्न संगठनों द्वारा रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही की जाएगी और एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा ताकि आने वाले दिनों में उस टोल फ्री नंबर में संपर्क कर किसी के घर में सांप होने पर इसकी जानकारी दें और रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग के संपर्क में रहने वाली टीम को तत्काल रेस्क्यू के लिए भेजा जाएगा और उन सांपों को वन विभाग की निगरानी में सकुशल जंगल में छोडा जाएगा और सारी जानकारियां वन विभाग के पास रहेगी ताकि किसी तरह की कोई तस्करी की घटना ना हो।
शहर व जंगल में पाए जाने वाले सांप
आमतौर पर कोबरा, आम करैत, बैंडेड क़रैत, रसेल वाइपर, मूसलेड़ी, सेंड बोआ, चेकर्ड कीलबैक, भेड़िया सांप, ट्रिकेट सांप, बैंडेड रेसर, सामान्य कुकरी, भारतीय पहाड़ी अजगर, रसेल कुकरी, बेयर्ड वुल्फ, भक्षी भेड़िया सांप, अंधा सांप, ब्रोंज बैक ट्री स्नेक प्रजाति के सांप जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पाए जाते हैं जो अक्सर अपने आहार की तलाश में लोगों के घरों में घुस आते हैं। जबकि घने वनों से आच्छादित कोरबा वनमंडल के विभिन्न परिक्षेत्रों में कोबरा, शॉ स्कल्ड सांप, बम्बू पिट वाइपर, मालाबार पिट वाइपर, कैट आई माइल्डली, फॉरेस्टेन कैट स्नेक. बेल सर्प, हवाई सांप मिलते हैं जो काफी जहरीले होते हैं।
शहर में सांप का रेस्क्यू करने वालों को अब वन विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा जिसके बाद आम जनता के लिए विभाग द्वारा जल्द ही एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। किसी के घर में सांप निकलने या दिखाई देने पर वो इस टोल फ्री नंबर पर फोन कर सहायता मांग सकता है। फोन आने पर विभाग इन सांपों को रेस्क्यू करने के लिए रजिस्टर्ड टीम की मदद लेगी। बिना जानकारी के कोई सांपों का रेस्क्यू करता है तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
-प्रियंका पाण्डेय, वनमंडलाधिकारी, कोरबा