एटक की मांग पर एसईसीएल प्रबंधन ने कोयला श्रमिकों और उनके आश्रितों को कोविड वैक्सीन लगवाने का लिया निर्णय

बिलासपुर 18 मार्च। कोराेना काल में देश के बड़े-बड़े एवं छोटे-छोटे औद्योगिक प्रतिष्ठान, आदि संस्थाएं बंद रहे लेकिन कोल इंडिया ही एकमात्र ऐसी कंपनी है जो महामारी के दौरान भी कभी बंद नहीं रहा। आम लोग अपने घरों में रहे लेकिन कोयला श्रमिक अपनी जान की परवाह किए बिना कंपनी के कार्य में निरंतर लगे रहे। कोल इंडिया के चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, सुरक्षा विभाग के कर्मचारी, खदान में कार्य करने वाले कर्मचारी, ऑफिस में कार्य करने वाले कर्मचारी, सफाई कर्मचारी एवं अन्य कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर कंधे से कंधा मिलाकर निरंतर कार्य किए ताकि देश में कोयले की कमी ना हो, विद्युत आपूर्ति प्रभावित ना हो, देश अंधेरे में ना जाए। कोरोना काल में कोयला श्रमिकों ने अपने जान की बाजी लगाकर कंपनी का कार्य किया और इस भयंकर बीमारी से लड़ने में देश का सहयोग किया। आज पूरे देश में कोरोना का वैक्सीन क्रमानुसार लगाया जा रहा है।

एसकेएमएस(एटक) केंद्रीय कार्यकारिणी की 10 मार्च को विश्रामपुर क्षेत्र में संपन्न हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि चूंकि कोयला मजदूर समूह में कार्य करते हैं, भीड़ भाड़ वाले स्थान पर कार्य करते हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना बहुत ही कठिन है और कोरोना के कारण एसईसीएल में लगभग 50 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है इसीलिए संगठन द्वारा एसईसीएल प्रबंधन से कोरोना का वैक्सीन समस्त कोयला श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर लगवाने का मांग किया जाएगा। इसी निर्णय के अनुसार एसकेएमएस(एटक) एसईसीएल के केंद्रीय महामंत्री एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह ने दिनांक 15/03/2021 को अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, निदेशक (कार्मिक), एसईसीएल बिलासपुर को पत्र लिखकर एवं वार्ता कर मांग किया था कि कोरोना का वैक्सीन समस्त कोयला श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर लगवाने का प्रबंध एसईसीएल प्रबंधन द्वारा किया जाए।

एटक यूनियन की मांग को एसईसीएल प्रबंधन द्वारा स्वीकार कर लिया गया है और एसईसीएल कर्मियों के लिए सूचना भी जारी कर दी गई है कि कोविड टीकाकरण की सुविधा दिनांक 18/03/2021 को प्रातः 9.30 बजे से इंदिरा विहार हेल्थ सेन्टर बिलासपुर में उपलब्ध रहेगी।

यह निश्चित रूप से समस्त कोयला श्रमिकों की जीत है। यह निर्णय कोरोना महामारी से लड़ने में कारगर साबित होगा। कोरोना वैक्सीन लगने के बाद कोयला श्रमिक सुरक्षित रहकर निर्भीक होकर कंपनी एवं देश हित में कार्य कर सकेंगे। इस निर्णय से कोयला श्रमिकों में अत्यंत खुशी है साथ ही मनोबल भी बढ़ा हुआ है।

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