दबंग नेता का है बेनामी ठेका, इसलिए नपानि कोरबा और SECL में मनमानी दर पर जारी हो रहा वर्कऑर्डर?

कोरबा 18 मार्च: छत्तीसगढ़ में आमतौर पर सरकारी निविदाएं अनुमानित लागत से न्यूनतम दर पर ठेकेदारों को आवंटित की जा रही है. जिससे कि कम से कम खर्च में गुणवत्तापूर्ण काम हो सके. लेकिन नगर पालिक निगम कोरबा में एक काम ऐसा है, जिसे 7% की अधिक दर पर निजी ठेका कंपनी को आवंटित किया गया है, जिसके लिए दलील यह दी गयी है कि- इस कार्य की विशेषज्ञता रखने वाले पीएचई विभाग के मापदंडों का पालन करते हुए यह कार्य सबंधित ठेका कंपनी को दिया गया है. उधर चर्चा है कि यह कार्य बेनामी तरीके से कथित रूप कांग्रेस के एक दबंग ओहदेदार ने लिया है, जिसके कारण अधिक दर पर ठेका आबंटित किया गया है?

दरअसल जिले का सर्वमंगला इमलीछापर मार्ग वर्षों से जर्जर है. यहां फोरलेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है. जिसके लिए 179 करोड़ रुपये की निविदा जारी की जा चुकी है. इस मार्ग में नगर निगम की पाइप लाइन बाधा बन रही है. जिसे की जल आवर्धन योजना फेस टू के तहत पिछले वर्ष ही बिछाया गया था. अब इस पाइप लाइन के विस्थापन के कार्य पर 4 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि खर्च होगी. एसईसीएल ने सड़क निर्माण के लिए प्रशासन को 199 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये थे. इसमें से ही 4 करोड़ रुपये निगम को पाइप लाइन शिफ्टिंग का काम कराने के लिए मिले हैं. कार्य के संबंध में एमआईसी ने प्रस्ताव पारित किया और ई टेंडरिंग के माध्यम से 397.75 लाख की निविदा आमंत्रण की कार्रवाई की गई थी. बुंदेलखंड इंजीनियरिंग को 7% ज्यादा की दर पर मिला. निविदा मंगाए जाने के बाद सेंट्रल इंडिया इंजीनियरिंग नागपुर, महामाया कंस्ट्रक्शन रायपुर, हिंदी हिमकॉन एसोसिएट्स रायपुर, मेसर्स नागेंद्र कुमार पांडे बिलासपुर, याना एसोसिएशन रायपुर के अलावा बुंदेलखंड इंजीनियरिंग ने निविदा में हिस्सा लिया. ठेकेदारों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण किया गया. जिसमें आम तौर पर अनुमानित लागत से सबसे न्यूनतम दर वाली निविदा पर काम दिए जाते हैं. लेकिन इस निविदा में सभी ने अनुमानित लागत से 23% तक ज्यादा दरों पर निविदा प्रपत्र भरा. सबसे में न्यूनतम दर 7% बुंदेलखंड इंजीनियरिंग ने भरी थी. जिसके कारण यह काम बुंदेलखंड इंजीनियरिंग को आवंटित कर दिया.

सरकारी ठेकों में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा रहती है. यदि सामान्य तौर पर निगम द्वारा निकाले जाने वाले अन्य निविदाओं की बात की जाए तो ठेकेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा किस हद तक जा सकती है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, निगम के लगभग सभी काम अनुमानित लागत से 30 से 50% की न्यूनतम दरों पर आवंटित किए जाते हैं.इसलिए हाल फिलहाल में पाइप लाइन शिफ्टिंग ऐसा पहला काम है, जिसका ठेका अनुमानित लागत से 7% की ज्यादा दर पर किसी कंपनी को दिया गया है. यह काम पूरे महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है.3.97 करोड़ का काम 4.25 करोड़ में सर्वमंगला इमलीछापर मार्ग में पाइप लाइन शिफ्टिंग के काम में सभी ने अधिक दरों की निविदा भरी थी. आश्चर्यजनक रूप से निविदा में भाग लेने वाले सभी निविदाकारों ने अनुमानित लागत से अधिक राशि का उल्लेख निविदा प्रपत्र में किया था. जिसके कारण बुंदेलखंड इंजीनियरिंग को सबसे कम अधिक दर 7% में निविदा प्राप्त हुई है. जिसके बाद जिस कार्य के लिए अनुमानित लागत निगम ने 3 करोड़ 97 लाख रुपये की निविदा आमंत्रित की थी. वह काम 4 करोड़ 25 लाख 58 हजार 806 रुपये में बुंदेलखंड इंजीनियरिंग को आवंटित कर दिया गया है. नगर निगम की सामान्य सभा से भी इसे पारित करा दिया गया. हालांकि विपक्ष ने निविदा से अधिक दर पर कार्य आवंटित किए जाने पर सवाल भी खड़े किए थे, लेकिन सत्तापक्ष ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित करा लिया.

इस सिलसिले में चर्चा है कि कोरबा जिला सहित प्रदेश के कई हिस्से में राज्य के एक दबंग कांग्रेसी ओहदेदार दूसरों के नाम पर अरबों रुपयों का बेनामी ठेका हासिल कर रहे हैं. कुसमुंडा और कोरबा पश्चिम की दो फोरलेन सड़क और नगर निगम की पाइप लाइन का ठेका भी इसी तरह बेनामी है, जिसकी वजह से अधिक दर पर निविदाएं धड़ल्ले से स्वीकृत कर दी गई हैं? बताया जा रहा है कि सड़क निर्माण के केवल इन दो ठेकों में ही ओहदेदार की जेब में 150 करोड़ रुपये जाएंगे। यदि दो ठेके का स्टीमेट, रेट और कमाई का औसत ऐसा है तो पूरे प्रदेश में जारी सेटिंग की कमाई कितनी होगी? इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है. शायद किसी बड़े मंजिल को हासिल करने के लिए भारी भरकम राशि जुटाने का लक्ष्य ऐसे ही ठेकों से पूरा करने की योजना पर काम हो रहा है। बताया जा रहा है कि कोरबा पश्चिम में सड़क का बेनामी ठेका भी एस ई सी एल ने खदानों में आ रहे वर्तमान दर से दो गुना दर पर आबंटित किया है।

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