पुनर्वास ग्राम को दी गई बेदखली की नोटिस से फैला आक्रोश, SECL भू-विस्थापितों ने किया जोरदार प्रदर्शन

कोरबा 10 अक्टूबर।एस ई सी एल की दीपका परियोजना से विस्थापित लोगों के लिए बेलटिकरी में बसाहट दी गई है। 23 साल पुराने इस बसाहट को अवैध बताकर जारी बेदखली के नोटिस से भू-विस्थापितों में आक्रोश व्याप्त है। शुक्रवार को मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव कर भूविस्थापितों ने अपनी नाराजगी जाहिर की और ज्ञापन सौंपा।

विवेकानंद नगर बेलटिकरी बसाहट के निवासरत लोंगो को नोटिस जारी कर आदेशित किया गया है कि लोक परिसर में अनाधिकृत कब्जा किया गया है तथा निवासियों की बेदखली का आदेश जारी किया जाएगा। इस सबन्ध में 300 लोंगो को अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान संगठन ने इस नोटिस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन उपरांत सीजीएम के नाम विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंपते हुए तत्कालीन कार्रवाई से भी अवगत कराया गया। कहा गया है कि भू विस्थापितों को दिए गए बेदखली के आदेश को वापस लिया जाए अन्यथा प्रबंधन के इस दमन और शोषणकारी नीति के खिलाफ ऊर्जाधानी भू विस्थापित किसान संगठन विरोध करते हुए उग्र आंदोलन करेगा जिसकी जवाबदारी दीपका प्रबंधन की होगी।

प्रभावित विस्थापितों ने बताया कि वर्ष 1986 में दीपका परियोजना के लिये ग्राम बेलटिकरी की निजी, सामूहिक अधिकार की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। तत्कालीन प्रबंधन के द्वारा मूल ग्राम से विस्थापित कर उल्लेखित स्थल को बसाहट के लिए उपलब्ध कराया गया था जो कि पूर्णत: दलदली क्षेत्र और बड़ा गड्ढा था जिसे ग्राम निवासियों के सहयोग और स्वयं के खर्च से रहवास हेतु पाटकर ठीक कराया गया था। एसईसीएल प्रबन्धन की ओर से प्लाट आबंटन अथवा स्थल चयन कर उपलब्ध नहीं कराई गयी थी और न ही किसी तरह की प्रपत्र दिया गया था जिसके कारण बताए गए स्थल पर ग्रामीणों की आपसी रजामंदी के आधार पर अपना मकान निर्माण कर विगत 22-23 वर्षों से निवासरत हैं व परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। यहां पर प्रबंधन एवं शासन द्वारा सड़क,मंच ,सामुदायिक भवन ,स्कूल भवन आंगन बाड़ी आदि जैसी निर्माण कार्य कराया जाकर भुविस्थापितों को सुपुर्द किया गया था और कभी भी बेजाकब्जा होने अथवा निर्माण कार्य पर प्रबन्धन और प्रशासन की ओर से आपत्ति /रोक नहीं लगाई गई। प्रबंधन की नोटिस में अनुविभागीय अधिकारी का जांच प्रतिवेदन को आधार बनाया गया है जबकि इसकी जानकारी किसी भी ग्रामीण को विभाग द्वारा नहीं दी गयी है। प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक स्कूल के मैदान ,मंच, सामुदायिक भवन और आंगनबाड़ी आदि भवनों को भी अवैध कब्जा बताकर अन्य ग्रामों के भूविस्थापितों को बसाहट देने की योजना बनाई गई है।

भूविस्थापितों ने मांग की है कि पुनर्वास नीति के तहत प्रदत्त समस्त बुनियादी सुविधाएं प्रदान किया जाय। वर्षों से कब्जा के आधार पर सभी विस्थापितों को भूमि का मालिकाना हक का अधिकार पत्र प्रदान किया जाए। रोजगार के लंबित मामलों का निपटारा कर बचे हुए खातेदारों को नौकरी दी जाए।

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